विश्व शाकाहार दिवस के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने दिया संदेश - शाकाहार ही है शुद्ध व उचित आहार। शाकाहार अर्थात् जिओ और जीने दो ही नहीं बल्कि जीवन दो भी हैं। आहार, आरोग्य और अध्यात्म ये तीनों स्वस्थ जीवन की त्रिवेणी हैं और भोजन भी एक प्रकार का यज्ञ है इसलिये बलि नहीं आहुति के रूप में ग्रहण करें
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 1 अक्टूबर। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में विश्व वृद्धजन दिवस के अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में निःशुल्क आंखों की जांच, चश्मों का वितरण और दवाइयाँ दी गईं। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस शिविर का उद्घाटन करते हुये कहा कि, वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज की धरोहर हैं और उनकी देखभाल हमारी जिम्मेदारी है। इस शिविर का उद्देश्य उनकी आंखों की देखभाल करना और उन्हें बेहतर दृष्टि प्रदान करने के साथ वृद्धजनों के स्वास्थ्य के प्रति समाज को जागरूक करना भी है। स्वामी जी ने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे अपने घर, परिवार और आसपास के वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल करें और उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखें। भारतीय संस्कृति सभी के प्रति सम्मान की संस्कृति है और वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करना हमारे संस्कार हैं।