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सनानत धर्म के प्रचार प्रसार के साथ उपेक्षित पौराणिक तीर्थ स्थलों का विकास छड़ी यात्रा का उद्देश्य-श्रीमहंत रविंद्रपुरी


हरिद्वार, 13 अक्तूबर। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी नगर भ्रमण करते हुए रविवार को हरकी पैड़ी पहुंची।

रिपोर्ट  - Rameshwar Gaur

श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी नगर भ्रमण करते हुए रविवार को हरकी पैड़ी पहुंची। अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, श्रीमहंत राजगिरी, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी महाराज, सचिव श्रीमहंत महेश पुरी, श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी, श्रीमहंत केदारपुरी, श्रीमहंत पूर्णागिरि, श्रीमहंत पुष्कर गिरी, कोठारी महाकाल गिरी, महंत रतन गिरी, महंत ग्वालापुरी, महंत धीरेंद्र पुरी, नागा संन्यासियों व श्रद्धालु नागरिकों के जत्थे के साथ माया देवी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद दत्तात्रेय चौक अपर रोड होते हुए पवित्र छड़ी हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पहुंची। इस दौरान भारी संख्या में नागरिकों व श्रद्धालुओं ने पवित्र छड़ी के दर्शन किए तथा पुष्प वर्षा कर पूजा अर्चना की। हरकी पैड़ी पहुंचने पर गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम व अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने पवित्र छड़ी का स्वागत किया तथा मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना व दुग्ध अभिषेक कर उत्तराखंड राज्य की सुख समृद्धि, उन्नति की कामना के साथ पवित्र छड़ी की सफलता के लिए आशीर्वाद मांगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि पवित्र छड़ी अखाड़ा परिषद में शामिल सभी अखाड़ों के प्रतिनिधि के रूप में पूरे उत्तराखंड का भ्रमण करती है। पवित्र छड़ी यात्रा का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के साथ-साथ उत्तराखंड के उपेक्षित पौराणिक तीर्थ स्थलों का विकास करना है। ताकि इन क्षेत्रों में तीर्थाटन व पर्यटन को बढ़ावा मिले और स्थानीय युवकों को रोजगार प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि उपेक्षित क्षेत्र से युवाओं का पलायन रोकने के लिए इन क्षेत्रों में उच्च स्तरीय शिक्षा, चिकित्सा अन्य मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करना भी इस यात्रा का उद्देश्य है। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने कहा कि पवित्र छड़ी यात्रा को शुभ मुहूर्त में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड की यात्रा के लिए रवाना करेंगे। यह पवित्र छड़ी गत 5 वर्षों से निरंतर संचालित की जा रही है और प्रदेश सरकार द्वारा इसे राजकीय पवित्र यात्रा घोषित किया गया है।

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