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डीएम, सीडीओ सहित विभागीय अधिकारियों ने किया गांव का स्थलीय निरीक्षण।


बद्रीनाथ यात्रा मार्ग पर स्थित दशोली ब्लाक का मैठाणा गांव जल्द ही मॉडल विलेज के रूप में सामने आएगा। जिला प्रशासन ने मैठाणा गांव को मॉडल विलेज बनाने की पहल शुरू कर दी है। यहां पर स्थानीय लोगों की आजीविका संवर्धन के साथ तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए सभी सुख सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।

रिपोर्ट  - अंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 19 अक्टूबर, 2024, बद्रीनाथ यात्रा मार्ग पर स्थित दशोली ब्लाक का मैठाणा गांव जल्द ही मॉडल विलेज के रूप में सामने आएगा। जिला प्रशासन ने मैठाणा गांव को मॉडल विलेज बनाने की पहल शुरू कर दी है। यहां पर स्थानीय लोगों की आजीविका संवर्धन के साथ तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए सभी सुख सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। जिलाधिकारी संदीप तिवारी एवं मुख्य विकास अधिकारी नदंन कुमार ने शनिवार को तमाम विभागीय अधिकारियों के साथ मैठाणा गांव का भ्रमण किया और वहां पर मौजूद संसाधनों और सुविधाओं का निरीक्षण करते हुए स्थानीय लोगों के सुझाव लिए। जिलाधिकारी ने कहा कि बद्रीनाथ यात्रा मार्ग पर स्थित होने के कारण मैठाणा गांव में आजीविका संवर्धन की अपार संभावनाएं है। यहां पर तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों के लिए जरूरी सुविधाओं को जुटाते हुए यात्रा का एक प्रमुख पडाव बनाने का प्रयास किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि हमारा फोकस स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाने पर रहेगा। उन्होंने स्थानीय लोगों को पर्यटन विभाग के सहयोग से पहाड़ी शैली में होम स्टे बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। जिलाधिकारी ने विभागों को निर्देशित किया कि केंद्र, राज्य और जिला सेक्टर की योजनाओं से मैठाणा गांव में स्वरोजगार के संसाधनों को विकसित किया जाए। सभी पात्र लाभार्थियों को विभागीय योजनाओं से आच्छादित करें। मैठाणा खेल मैदान का सौंदर्यीकरण के साथ ही मैदान तक जाने वाले पहुंच मार्ग का चौडीकरण एवं पार्किंग की व्यवस्था की जाए। सभी सरकारी भवनों की एक कलर कोडिंग की जाए। नदी किनारे आरती के लिए घाट निर्माण किया जाए। मैठाणा में कृषि, बागवानी, हर्बल नर्सरी, कीवी उत्पादन, मत्स्य पालन, पोल्ट्री फॉर्म को विकसित करते हुए हाट बाजार, आउटलेट एवं अन्य माध्यमों से मार्केटिंग की व्यवस्था की जाए। जिलाधिकारी ने रेखीय विभागों के साथ नदी तट पर स्थित खेल मैदान से लेकर पूरे मैठाणा गांव में मौजूद व्यवस्थाओं एवं सरकारी परिसंपत्तियों का स्थलीय निरीक्षण भी किया। जिलाधिकारी ने नदी किनारे निर्मित सुरक्षा दीवार के बीच फिलिंग कराने, राजकीय पशु औषधालय में सप्ताह में दो दिन किसी कार्मिक की तैनाती करने, भूमिहीन असुरक्षित परिवारों को सुरक्षित भूमि पर आवास दिलाने, खेल मैदान का सौन्दर्यीकरण, लक्ष्मी नारायण मंदिर का जीर्णोद्वार और स्थानीय लोगों को विभागीय योजनाओं से जोड़ते हुए सामूहिक खेती मॉडल को विकसित करने के निर्देश दिए। वर्षा जल संरक्षण के लिए ट्रेंच और चाल खाल बनाने को कहा। राइका मैठाणा के प्रधानाचार्य को कक्षा कक्षों में लाइट लगवाने, पठन-पाठन की व्यवस्थाओं में सुधार लाने और विद्यालय परिसर में विशेष साफ सफाई रखने के निर्देश दिए।

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