कानपुर के प्रख्यात ज्योतिशाचार्य पीएन द्विवेदी के अनुसार, महाकुम्भ में माघ मास की अमावस्या तिथि को ही मौनी अमावस्या कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन ही वैवस्वत मनु का जन्म हुआ था। इस दिन मौन व्रत रख कर स्नान करना शुभ माना जाता है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
कानपुर के प्रख्यात ज्योतिशाचार्य पीएन द्विवेदी के अनुसार, महाकुम्भ में माघ मास की अमावस्या तिथि को ही मौनी अमावस्या कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन ही वैवस्वत मनु का जन्म हुआ था। इस दिन मौन व्रत रख कर स्नान करना शुभ माना जाता है। मौनी अमावस्या पर स्नान का उत्तम मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त में होता है, लेकिन पूरे दिन ही मौनी अमावस्या तिथि का स्नान करना शुभ माना गया है। उदया तिथि होने कारण पूरे दिन ही अमावस्या का स्नान होगा। संभव हो तो इस दिन मौन व्रत रख कर संगम स्नान करना चाहिए, विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। जो लोग त्रिवेणी संगम में स्नान नहीं कर पा रहे हैं वो संगम या गंगा जल को पानी में मिलाकर स्नान करें, उससे उन्हें संगम स्नान का ही फल प्राप्त होगा।