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इलेक्ट्रोकेमिकल एनर्जी कन्वर्ज़न पर आयोजित कार्यशाला में देश भर के 180 से अधिक फैकल्टी मैम्बर्स ने भाग लिया


सप्ताह भर चलने वाली ऑनलाइन कार्यशाला आईआईटी रुड़की और अटल अकादमी की संयुक्त पहल थी।

रिपोर्ट  - ALL NEWS BHARAT

रुड़की, 24 नवंबर 2020: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग (अटल) अकादमी के साथ मिलकर 23 से 27 नवंबर 2020 के बीच 'इलेक्ट्रोकेमिकल एनर्जी कन्वर्ज़न एण्ड स्टोरेज' पर एक सप्ताह के वर्चुअल कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों के फैकल्टी मैम्बर्स को स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के प्रति जागरूक बनाना था। कार्यशाला का उद्घाटन आईआईटी रुड़की के उप-निदेशक प्रो.मनोरंजन परिदा ने किया। इस दौरान प्रो. एस.के. सिंघल, प्रमुख- हाइड्रो एंड रिन्यूएबल एनर्जी विभाग, आईआईटी रुड़की उपस्थित रहे। इसमें पूरे भारत से 180 से अधिक फैकल्टी मैम्बर्स की भागीदारी देखी गई। कार्यशाला का आयोजन हाइड्रो एंड रिन्यूएबल एनर्जी विभाग के प्रो. अमित भोसले और प्रो.प्रथम अरोड़ा के नेतृत्व में हुआ। "उन्नत प्रौद्योगिकी पर्यावरण से संबंधित समस्याओं को हल करने की कुंजी है। प्रदूषण और जीवन व जैव-विविधता की बढ़ती समस्या के बीच, यह कार्यशाला स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी को लेकर प्रतिभागियों को जागरूक करने में मदद करेगी” प्रो अजीत के. चतुर्वेदी, निदेशक, आईआईटी रुड़की ने कहा। “इलेक्ट्रोकेमिकल एनर्जी कन्वर्ज़न एण्ड स्टोरेज ऑटोमोटिव प्रपल्शन सिस्टम में खास महत्व रखता है। कार्बन फुटप्रिंट को कम करने को लेकर बढ़ती चिंता को देखते हुए स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों को अपनाना अनिवार्य हो गया है। कार्यशाला जलवायु परिवर्तन के मुद्दों से निपटने के नए तरीकों को लेकर प्रतिभागियों को आगे बढ़ाने का रास्ता दिखाएगी और उनके कौशल विकास में सहायक होगी” प्रो. मनोरंजना परिदा, उप- निदेशक, आईआईटी रुड़की, ने कहा। कार्यशाला के विषयों में बैट्री में फैब्रिकेशन, फ्यूल सेल को स्केल-अप करने के मुद्दे, बैट्री के स्केल-अप के मुद्दे, फ्लो बैट्री, बैट्री सिस्टम में थर्मोडायनामिक्स प्रमुख रूप से शामिल था। "कार्यशाला का उद्देश्य ज्ञान को साझा करने का मंच प्रदान करने और इसे सुविधाजनक बनाने के साथ ही प्रतिभागियों को नए दृष्टिकोण और तरीकों से परिचय कराना है ताकि वे इलेक्ट्रोकेमिकल एनर्जी कन्वर्ज़न एण्ड स्टोरेज तकनीक में दक्षता हासिल कर सकें। हम सभी प्रतिभागियों को उनकी भागीदारी के लिए धन्यवाद देते हैं" प्रो. एस. के. सिंघल, प्रमुख-हाइड्रो एंड रिन्यूएबल एनर्जी विभाग, आईआईटी रुड़की, ने कहा। इलेक्ट्रोकेमिकल डिवाइस (रूपांतरण और भंडारण दोनों) का ऑटोमोबाइल से लेकर ग्रीन केमिकल उत्पादन तक में बड़ा उपयोग है। इलेक्ट्रोकेमिकल एनर्जी कन्वर्ज़न एण्ड स्टोरेज (ईईसीएस) प्रक्रियाएं विभिन्न स्रोतों से प्राप्त उर्जा के रूपांतरण, भंडारण, और उपयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा विभिन्न उपकरणों, जैसे कि सौर सेल, ईंधन सेल, इलेक्ट्रोलाइज़र, बैटरी और सुपर-कैपासिटर्स के माध्यम से उर्जा को अंतिम उपयोगकर्ताओं को उपलब्ध कराती है।

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