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चमन लाल महाविद्यालय में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया।


चमन लाल महाविद्यालय में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ दीपा अग्रवाल ने की।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

लंढौरा। चमन लाल महाविद्यालय में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ दीपा अग्रवाल ने की। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की संविधान दिवस हमें अपने देश के संविधान अपने कर्तव्यों और अपने अधिकारों को जानने की प्रेरणा देता है। एक सजग नागरिक अपने और अपने समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकता है। डॉ हिमांशु कुमार ने राज्य के नीति निर्देशक तत्व के विषय में बताया और कहा की नीति निर्देशक तत्व भारत में शासन व्यवस्था को दिशा निर्देशित करने का काम करते हैं। डॉ सूर्यकांत शर्मा ने संविधान के विषय में ऐतिहासिक तथ्यों को स्पष्ट करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। डॉ अनामिका चौहान ने कहा कि हमें अपने अधिकारों से पहले अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक और सचेत रहना चाहिए क्योंकि हम अपने कर्तव्यों का पालन करके ही एक सुदृढ़ एवं विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं। डॉक्टर नवीन त्यागी ने बताया कि संविधान किस प्रकार से अपने नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करते हैं और विश्व के विभिन्न संविधानों में से एक ब्रिटेन का संविधान परम्पराओं पर आधारित है जबकि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है संगोष्टी का आयोजन व मंच का संचालन डॉ धर्मेंद्र कुमार ने करते हुए संविधान की प्रष्ठभूमि पर प्रकाश डाला व बताया कि किन विषम परिस्थितियों में भारत की संविधान सभा का गठन हुआ जिसके द्वारा भारत की विभिन्न चुनोतियाँ से निपटते हुए संविधान का निर्माण किया जिसको भारत के लोगो ने 26 नवम्बर 1949 को अंगीकार कर लिया गया था जिसके उपलक्ष में हम इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाते है। इस अवसर पर दानिश अंजू सुहेला स्वाति शादाब आदि उपस्थित रहे।

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