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चमोली में 1971 के युद्ध में भारत की शानदार विजय की स्वर्ण जयंती पर जिले में अमर शहीद सैनिकों को पुष्प चक्र अर्पित करते हुए श्रृद्धाजंली दी |


भारत की शानदार विजय की स्वर्ण जयंती पर जिले में अमर शहीद सैनिकों को पुष्प चक्र अर्पित करते हुए श्रृद्धाजंली दी गई। पुलिस एवं एनसीसी के जवानों ने अमर शहीदों को गार्ड आॅफ आॅनर देकर सलामी दी। इस युद्ध में शामिल पूर्व सैनिक एवं सैनिक वीरांगनाओं को सम्मानित किया गया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 16 दिसंबर, 2020, 1971 के युद्ध में भारत की शानदार विजय की स्वर्ण जयंती पर जिले में अमर शहीद सैनिकों को पुष्प चक्र अर्पित करते हुए श्रृद्धाजंली दी गई। पुलिस एवं एनसीसी के जवानों ने अमर शहीदों को गार्ड आॅफ आॅनर देकर सलामी दी। इस युद्ध में शामिल पूर्व सैनिक एवं सैनिक वीरांगनाओं को सम्मानित किया गया। गोपेश्वर शहीद पार्क में आयोजित विजय दिवस की स्वर्ण जयंती समारोह में जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, सीडीओ हंसादत्त पांडे, नगर पालिका अध्यक्ष सुरेन्द्र लाल सहित तमाम जिला स्तरीय अधिकारियों, गणमान्य नागरिकों एवं पूर्व सैनिकों ने अमर शहीदों को श्रृद्वांजलि देते हुए उनके बलिदान को नमन किया और सभी देश वासियों को विजय दिवस की हार्दिक बधाई दी। स्वर्ण जयंती के अवसर पर 1971 के युद्ध में शामिल जिले के शहीद हवलदार स्व0 सुरेशा नन्द पुरोहित की पत्नी कमला देवी, रा0मैन स्व0 गोविन्द सिंह की पत्नी ऊखा देवी, पूर्व सुबेदार अब्बल सिंह, आॅनरेरी कैप्टेन बीएस तोपाल, पूर्व सुबेदार मेजर शिवराज सिंह, पूर्व हवलदार नरेन्द्र सिंह वर्तवाल, नन्दन सिंह बिष्ट, पूर्व नायक महिताव सिंह भंडारी, शिवराज सिंह नेगी, गबर सिंह नेगी एवं महिपाल सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने सभी जनपदवासियों को विजय दिवस की हार्दिक बधाई दी। कहा कि देश की आन-बान और शान की रक्षा के लिए समर्पित सेना के जवानों और शहीदों पर राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को गर्व है। कहा कि आज का दिन हमें शहीदों के अदम्य साहस एवं बलिदान को स्मरण कराते हुए देश सेवा के लिए प्रेरित करता है। जिलाधिकारी ने सभी नागरिकों को अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए देश सेवा में अपना अहम योगदान देने को कहा। जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी ले0 कर्नल बीएस रावत (अ0प्रा0) ने बताया कि 1971 भारत-पाक युद्ध में देश के वीर सैनिकों ने अदम्य शौर्य का परिचय देते हुए दुश्मन देश के 93 हजार से अधिक सैनिकों को आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया था। 14 दिनों तक चले इस भीषण युद्ध में भारतीय सेना के 3900 के लगभग सैनिक शहीद तथा 2500 के लगभग सैनिक घायल हुए थे। इस युद्ध में मिली ऐतिहासिक विजय को हर वर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस युद्ध के परिणाम स्वरूप ही विश्व में एक नये देश बांग्लादेश का उदय हुआ। उन्होंने बताया कि इस युद्व में जिले के 44 सैनिक शहीद हुए जबकि 19 सैनिक घायल हुए थे तथा अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय देने वाले जिले के 08 सैनिकों को गैलेन्टरी अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इस वष्र युद्व की स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष्य में पूरे माह को गौरव माह के रूप में मनाया जा रहा है। जिसमें वृक्षारोपण एवं युद्व में सम्मिलित जाॅबाज योद्वाओं के साथ गोष्ठी की आयोजन भी किया जाएगा।

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