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पौड़ी में वन मंत्री ने परेड का निरीक्षण किया , पुलिस जवानों द्वारा हर्ष फायर एवं सलामी दी


वन मंत्री डा0 रावत ने अपने संबोधन में पूर्व उपस्थित सभी लोगों को गणतंत्र दिवस शुभकामनाएं दी।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी/दिनांक 26 जनवरी, 2021, जनपद गढ़वाल में 72वें गणतंत्र दिवस को मण्डल मुख्यालय, सहित जनपद के समस्त क्षेत्रों में ध्वजफहरा कर, संविधान की शपथ तथा देश भक्ति एवं सांस्कृतिक प्रस्तुती के साथ के धूमधाम से मनाया गया। जनपद की कंडोलिया मैदान में आयोजित कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री, कौशल विकास, आयुष, श्रम, सेवायोजन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर, विधिवत ध्वजारोहण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होने परेड का निरीक्षण कर, पुलिस जवानों द्वारा हर्ष फायर एवं सलामी दी गई। उन्होने जनपद में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कास्तकार, जिलाप्रशासन, पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी एवं पत्रकारों को उनके उत्कृष्ठ कार्य करने प्रसस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि वन मंत्री डा0 रावत ने अपने संबोधन में पूर्व उपस्थित सभी लोगों को गणतंत्र दिवस शुभकामनाएं दी। उन्होने देश के स्वतंत्रता सैनानियों को याद करते हुए नमन किया साथ ही देश की आजादी के लिये अपने प्राणों की आहूती देने वाले वीरों नायको तथा देश की सीमाओं पर शहीद होने वाले व उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों वीर सैनानिया को नमन करते हुए कहा कि इनके प्रयासों से देश एवं उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ। उन्होने कहा कि निश्चित रूप से हिन्दुस्तान के लिये आज का दिन गौरवशाली व ऐतिहासिक है, और हमारी यह पीढ़ी सौभाग्यशाली हैं। जिन्होंने आजाद हिन्दुस्तान तथा उत्तराखंड राज्य को बनते हुये देखा है, इसलिए हम अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड की धरती वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की धरती है। जिन्होंने देश की आजादी के आंदोलन में भाग लिया था। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड की हर गांव से कोई ना कोई स्वतंत्रता सैनानी व उत्तराखंड आंदोलनकारी हैं, और आज का दिवस उनके संघर्षो व बलिदान से मिला है। उन्होंने कहा कि सैनिक का बेटा हूं व गढ़वाल विश्व विद्यालय में 25 साल सैन्य विज्ञान के शिक्षक के रूप में सेवाएं दी। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री के रूप में भी कार्य किया। कहा कि उत्तराखण्ड वीरों की धरती है। उन्होेंने उत्तराखंड आंदोलन के दौरान उनके द्वारा पौड़ी में किये गये कार्य को याद कर साजा किया।

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