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हाथियों का आवागमन जारी, स्वामी सत्यमित्रानंद राजकीय इण्टर कॉलेज की तोड़ी बाउंड्रीवाल।


स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी राजकीय इण्टर कॉलेज हरिपुरकलाॅ के प्रधानाचार्य डॉ अजय शेखर बहुगुणा ने बताया राजा जी टायगर रिजर्व की अनदेखी के चलते लगातार विदयालय में हाथियों का आगमन बना हुआ है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

देहरादून (हरिद्वार) शांतिकुंज के पास मोतीचूर रेंज में स्थित ग्राम हरिपुरकलां में हाथियों का आतंक आमबात हो चुकी है । इस सम्बंध मे एक मामला सामने आया जब ग्राम स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी राजकीय इण्टर कॉलेज हरिपुरकलाॅ में हाथी आ गए और अपनी टक्कर से विद्यालय के चारो तरफ की हुई बाउंड्रीवाल जगह जगह से तोड़ दी। उस समय विद्यालय में कोई मौजूद नहीं था । आये दिन हाथियों से संबंधित घटना होती रहती है। इस सम्बंध में स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी राजकीय इण्टर कॉलेज हरिपुरकलाॅ के प्रधानाचार्य डॉ अजय शेखर बहुगुणा ने बताया राजा जी टायगर रिजर्व की अनदेखी के चलते लगातार विदयालय में हाथियों का आगमन बना हुआ है।बार-बार हाथियों द्वारा विद्यालय की भौतिक सम्पत्ति को छति पहुँचाई जा रही है।हाथियों द्वारा विद्यालय की चाहरदीवारी को अत्यधिक छति पहुँचाई गई है। कई बार हाथी कॉलेज की दीवार कई बार तोड़ चुके हैं । सूखी नदी ओर से वन विभाग द्वारा फैनसिग नहीं की गई है जिससे अकसर जंगली जानवरों विदयालय में पहुंचकर छति पहुँचा रहे हैं। निरंतर जनहानि की आशंका बनी हुई है। विद्यालय के प्रधानाचार्य डाॅ.अजय शेखर बहुगुणा ने बताया कि वे इस आशय की सूचना राजाजी टाइगर रिजर्व मोतीचूर के वार्डन व निदेशक और देहरादून जनपद के खण्ड विकास अधिकारी, डोईवाला एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून को लिखित रूप में कई बार दे चुके हैं। परन्तु अब तक जिला प्रशासन व राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क द्वारा कॉलेज को मुआवजा तो दूर अब तक सुरक्षा के संदर्भ में भी अन्य कोई कार्यवाही नही की गयी। इस मामले को लेकर कोई अधिकारी व जनप्रतिनिधि संज्ञान लेने को तैयार नहीं है । हाथियों का आवागमन बदस्तूर जारी है। विदयालय व क्षेत्रवासियों की जान-माल के सुरक्षा के प्रति राजाजी टाइगर रिजर्व संवेदनशील नहीं है। लापरवाही का आलम यह है कि राजाजी टायगर रिजर्व द्वारा हाथियों की आवाजाही की रोक के लिये सूखी नदी में खोदी गई ट्रैनच को गंगा नदी तक बनाये जाने के बजाय विदयालय की चारदीवारी तक बनाकर छोड दिया गया है। जिससे विदयालय में पहले की अपेक्षा हाथियों की आवाजाही बढ गई है। जिससे विद्यालय की भौतिक क्षति लगातार हो रही है ।साथ ही कभी भी कोई बड़ी जन दुर्घटना का अंदेशा निरन्तर बना हुआ है

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