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तय समय में मंदिर निर्माण की संभावनाओं पर ग्रहण लगा रहा है।


तय समय में मंदिर निर्माण की संभावनाओं पर कोरोना का ग्रहण

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

कोरोना संकट तय समय में मंदिर निर्माण की संभावनाओं पर ग्रहण लगा रहा है। मंदिर निर्माण आगामी 30 माह में होना है। इस अवधि में मंदिर निर्माण पूरा होना पहले से ही चुनौतीपूर्ण था। कोरोना संकट के चलते श्रमिकों से लेकर दूर-दराज के क्षेत्रों से भवन निर्माण सामग्री भी लाए जाने की गति मंद पड़ी है। मंदिर निर्माण की अवधि का एलान गत वर्ष पांच अगस्त को उस समय किया गया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन के साथ मंदिर निर्माण की औपचारिक शुरुआत की थी। तब मंदिर निर्माण 39 माह में पूरा करने की घोषणा की गई थी।हालांकि, हजारों वर्ष तक अक्षुण्ण रहने वाले मंदिर के अनुरूप अति सुदृढ़ नींव के निर्माण नियोजन और उसमें प्रयुक्त होने वाली निर्माण सामग्री सुनिश्चित करने में ही महीनों लग गए। इस वर्ष 15 जनवरी से मंदिर निर्माण की प्रक्रिया जरूर निर्बाध गति से आगे बढ़ी। गत सप्ताह से ही कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो नींव की भराई के काम में लगे 50 प्रशिक्षित श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर दो सौ तक करने वाली थी, पर कोरोना के खौफ के चलते यह योजना खटाई में पड़ गई। गनीमत यह है कि न केवल अभी भी 50 श्रमिक मंदिर निर्माण के काम में लगे हैं, बल्कि वे किसी प्रकार के संक्रमण से भी मुक्त हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि श्रमिकों की संख्या में शीघ्र ही अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई, तो आगामी अगस्त माह तक भूमि पूजन के एक वर्ष पूरा होने के बाद भी नींव की भराई पूरी होनी कठिन है।

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