Latest News

14 को मनाया जाएगा भगवान परशुराम जन्मोत्सव-पंडित अधीर कौशिक


भगवान परशुराम जन्मोत्सव 14 मई को मनाया जाएगा। श्रीपंच अग्नि अखाड़ा व श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के संयुक्त तत्वावधान में महायज्ञ आयोजित किया जाएगा।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 12 मई। भगवान परशुराम जन्मोत्सव 14 मई को मनाया जाएगा। श्रीपंच अग्नि अखाड़ा व श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के संयुक्त तत्वावधान में महायज्ञ आयोजित किया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग व कोविड नियमों का अनुपालन करते हुए पांच दिवसीय यज्ञ से कोरोना मुक्ति की कामना की जाएगी। श्रीमहंत गोपाल गिरी महाराज ने कहा कि भगवान परशुराम के आदर्शो पर चलकर आदर्श समाज की स्थापना करें। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को भगवान परशुराम के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने हमेशा मनुष्य जाति के कल्याण में अपना जीवन व्यतीत किया। अखाड़ें में होने वाला यज्ञ अवश्य ही कोरोना को समाप्त करेगा। यज्ञ से निकलने वाली ध्वनि वातावरण को शुद्ध करेगी। स्वामी रूद्रानंद जी महाराज, स्वामी प्रयागराज गिरी ने कहा कि संत समाज सदैव ही विश्व कल्याण की कामना करता है। भगवान परशुराम ने आसुरी शक्तियों का विनाश किया। मनुष्य कल्याण में उनके योगदान की जितनी भी प्रशंसा की जाए, उतना कम है। श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि संतों के सानिध्य में कोरोना मुक्ति को लेकर यज्ञ आयोजित किया जा रहा है। पांच दिन चलने वाले इस यज्ञ में संत महापुरूष प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने कहा कि यज्ञ कोरोना संक्रमण से मरने वाले व बंगाल में मृतक हिंदुओं की आत्मशांति के लिए प्रार्थना की जाएगी। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि भगवान परशुराम के जन्मोत्सव की सभी तैयारियां कर ली गयी हैं। संत महापुरूषों के सानिध्य में धार्मिक क्रियाकलाप आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम जन जन के प्रिय हैं। उनके विचारों का प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने मनुष्य कल्याण में हमेशा योगदान दिया। हिंदुओं के संरक्षण संवर्द्धन में उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए। उतना कम है। आसुरी शक्तियों को समाप्त करने में उन्होंने निर्णायक भूमिका निभायी। ब्राह्मण समाज को उनके विचारों का प्रचार प्रसार तेजी के साथ करना चाहिए। इस अवसर पर गंगा गिरी, कालूराम, शीतला प्रसाद, साकेश वशिष्ठ, राजगुरू, त्रिभवन, शुक्लानन्द ब्रह्मचारी आदि मौजूद रहे।

Related Post