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उत्तराखंड राज्य के एसे विधायक, सांसद केबिनेट मंत्री होते हुए भी अपने क्षेत्र की सीवर लाइन न डलवा पाए जिसकी वजह से गंगा को रही है प्रदूषित


इस क्षेत्र का दुर्भाग्य यह है कि इतना सब कुछ वीआईपी होने के कारण भी 12 वर्ष पूर्व करोड़ों की लागत से सीवर लाइन डाली गई थी जोकि इंजीनियर की गलती से वह गलत तरीके से डाली गई इंजीनियर सीवर लाइन का बैलेंस नहीं बना पाए थे जिसके कारण करोड़ों रुपए बर्बाद हो गए जिसके कारण सरकार ने उस इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया था वह अधिकारी तो अब दोबारा नौकरी पर वापस आ गया | लेकिन हरिपुरकला की जनता आज भी दुख भर रही है|

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार हरिपुरकला (देहरादून) 25000 की आबादी वाला क्षेत्र हरिपुर कला जिसे संत बहुमूल्य क्षेत्र भी कहा जाता है इस क्षेत्र में आश्रम, अपार्टमेंट, बड़े-बड़े भवनों से सुसज्जित है यहां पर आए दिन मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, विधायक, सांसद किसी न किसी संत एवं आश्रमों में आते रहते हैं और संतों से आशीर्वाद प्राप्त करते रहते हैं| लेकिन इस क्षेत्र का दुर्भाग्य यह है कि इतना सब कुछ वीआईपी होने के कारण भी 12 वर्ष पूर्व करोड़ों की लागत से सीवर लाइन डाली गई थी जोकि इंजीनियर की गलती से वह गलत तरीके से डाली गई इंजीनियर सीवर लाइन का बैलेंस नहीं बना पाए थे जिसके कारण करोड़ों रुपए बर्बाद हो गए जिसके कारण सरकार ने उस इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया था वह अधिकारी तो अब दोबारा नौकरी पर वापस आ गया | लेकिन हरिपुरकला की जनता आज भी दुख भर रही है न तो सरकार ने उस सीवर लाइन को दोबारा से सही कराने की कोशिश की और ना ही सीवर लाइन को दोबारा डालने की कोशिश की जबकि 15 वर्षों से लगातार यहां के विधायक प्रेमचन्द्र अग्रवाल एवं सांसद रमेश पोखरियाल निशंक राज्य एवं केंद्र के कैबिनेट मंत्री हैं उसके बावजूद भी इस गलती का किसी ने संज्ञान तक नहीं लिया और इस क्षेत्र के आश्रम भवनों के सीवर का गंदा पानी गंदे नालों के माध्यम से सीधा गंगा में गिर रहा है नमामि गंगे के अनुसार भी गंगा की स्वच्छता के लिए अब तक हजारों करोड़ों रुपया अब तक लग चुका है लेकिन हरिपुर कला के सीवर के गंदे नालों का पानी आज भी गंगा में गिर रहा है जबकि आए दिन संतो के यहां आश्रम में आए मंत्रियों को अवगत कराया जाता है लेकिन कोई भी मंत्री विधायक या सांसद संज्ञान तक लेने को तैयार नहीं है जबकि केंद्र और राज्य में भाजपा की ही सरकार है उसके बावजूद भी यहां के विधायक एवं सांसद राज्य और केंद्र सरकार में मंत्री होते हुए भी 15 वर्षों से कार्य नहीं करा पा रहे |जबकि यह क्षेत्र कुम्भ मेला क्षेत्र में भी आता है और कुम्भ के नाम पर 730 करोड़ रुपया और लगभग 300 करोड़ अर्धकुम्भ पर ठिकाने लगाया जा चुका है लेकिन यह जनहित कार्य आज तक नहीं हुआ है जो मंत्री अपने क्षेत्र की जनता के जनहित कार्य नहीं कर सकते तो आप समझ सकते हैं यह मंत्री अपने हित के सिवाय राज्य की जनता को यह क्या दे रहे होंगे? क्या ऐसे मंत्रियों को जो जनहित के कार्य नहीं कर सकते हरिपुरकला क आमजन से वोट मांगने का अधिकार है?

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