उदासीन समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ के महान तपसà¥à¤µà¥€ संत बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ शà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ 1008 बाबा मोहन दास जी के शिषà¥à¤¯ बà¥à¤°à¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ शà¥à¤°à¥€ संत à¤à¤°à¤¤ मà¥à¤¨à¤¿ जी के रिकà¥à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर उनके गà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤ˆ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° की पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ धारà¥à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤¥à¤¾ हरिहर पà¥à¤°à¥‚षोतà¥à¤¤à¤® धाम के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· महंत कमल दास महाराज को डेरा बाबा मोहनदास उदासीन आशà¥à¤°à¤® जैतो मणà¥à¤¡à¥€, जिला फरीदकोट, पंजाब में आयोजित महंताई तिलक चादर में संतों की पावन उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में महंताई तिलक चादर देकर महंत बनाया गया। इस मौके पर महंताई तिलक चादर समारोह की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ महंत रघà¥à¤®à¥à¤¨à¤¿ महाराज ने की।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 17 अपà¥à¤°à¥ˆà¤²à¥¤ उदासीन समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ के महान तपसà¥à¤µà¥€ संत बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ शà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ 1008 बाबा मोहन दास जी के शिषà¥à¤¯ बà¥à¤°à¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ शà¥à¤°à¥€ संत à¤à¤°à¤¤ मà¥à¤¨à¤¿ जी के रिकà¥à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर उनके गà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤ˆ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° की पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ धारà¥à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤¥à¤¾ हरिहर पà¥à¤°à¥‚षोतà¥à¤¤à¤® धाम के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· महंत कमल दास महाराज को डेरा बाबा मोहनदास उदासीन आशà¥à¤°à¤® जैतो मणà¥à¤¡à¥€, जिला फरीदकोट, पंजाब में आयोजित महंताई तिलक चादर में संतों की पावन उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में महंताई तिलक चादर देकर महंत बनाया गया। इस मौके पर महंताई तिलक चादर समारोह की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ महंत रघà¥à¤®à¥à¤¨à¤¿ महाराज ने की। महंताई तिलक चादर समारोह को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ म.मं. हरिचेतनाननà¥à¤¦ महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ बाबा मोहन दास के परम शिषà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€ à¤à¤°à¤¤ मà¥à¤¨à¤¿ बड़े कà¥à¤¶à¤² वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° व मधà¥à¤° वाणी वाले संत थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जीवन परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ समाजसेवा करते हà¥à¤ लोगों को समाजसेवा की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ दी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने महंत कमल दास महाराज को महंत बनने पर शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚, आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ देते हà¥à¤ कहा कि वे संसà¥à¤¥à¤¾ के सेवा पà¥à¤°à¤•à¤²à¥à¤ªà¥‹à¤‚ का निःसà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ से निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ करते हà¥à¤ संसà¥à¤¥à¤¾ को ऊंचाईयों तक पहà¥à¤‚चायंेगे। म.मं. जगदीश दास महाराज à¤à¤µà¤‚ कोठारी महंत दामोदर दास महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ शà¥à¤°à¥€ संत à¤à¤°à¤¤ मà¥à¤¨à¤¿ जी महाराज ने गौ, गंगा, गीता के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ सेवा के लिठजीवन परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ कारà¥à¤¯ किये। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना समूचा जीवन समाज को सारà¥à¤¥à¤• दिशा में लगा दिया। उनके सेवा पà¥à¤°à¤•à¤²à¥à¤ªà¤¾à¤‚े को हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के हरिहर पà¥à¤°à¥‚षोतà¥à¤¤à¤® धाम के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· महंत कमल दास महाराज बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ का कारà¥à¤¯ सेवाà¤à¤¾à¤µ से करंेगे। महंताई तिलक चादर समारोह की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ करते हà¥à¤ महंत रघà¥à¤®à¥à¤¨à¤¿ महाराज ने कहा कि शà¥à¤°à¥€ संत à¤à¤°à¤¤ मà¥à¤¨à¤¿ तà¥à¤¯à¤¾à¤—, तपसà¥à¤¯à¤¾ की साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने लोगों को सनातन धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से जोड़ने का कारà¥à¤¯ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने महंत कमल दास महाराज से अपने गà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤ˆ शà¥à¤°à¥€ संत à¤à¤°à¤¤ मà¥à¤¨à¤¿ के पदचिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ पर चलते हà¥à¤ सेवाà¤à¤¾à¤µ से संसà¥à¤¥à¤¾ को गतिशील बनाने का आवाहà¥à¤¨ किया। महंताई तिलक चादर समारोह में मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से म.मं. हरिचेतनाननà¥à¤¦ महाराज, म.मं. जगदीश दास महाराज, महंत सेवा दास, महंत शांति दास, महंत रामनोमी दास, महंत आतà¥à¤®à¤¾à¤°à¤¾à¤®, महंत अमर दास, महंत अमर मà¥à¤¨à¤¿, कोठारी महंत दोमदार दास, महंत शांताननà¥à¤¦ सहित अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ से आये हà¥à¤ संत-महंत à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¤œà¤¨ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।