अपनी रौबदार मूंछों, पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ और सखà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के लिठपहचाने जाने वाले उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के पूरà¥à¤µ डीजीपी अनिल रतूड़ी ने अपने रिटायरमेंट के बाद अपनी नई किताब लिखी है। इस किताब का सीà¤à¤® पà¥à¤·à¥à¤•à¤° सिंह धामी ने विमोचन किया।आमतौर पर शांत सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ और कम बोलने वाले पà¥à¤²à¤¿à¤¸ अफसरों में शà¥à¤®à¤¾à¤° रहे अनिल रतूड़ी के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के दूसरे हिसà¥à¤¸à¥‡ में बची पà¥à¤°à¥‡à¤® जैसी कोमल à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ à¤à¤• किताब के रूप में सबके सामने है। हालांकि लोगों को अनिल रतूड़ी के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ इस नठरूप को देखकर कà¥à¤› हैरानी à¤à¥€ जरूर हो रही है।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
देहरादून 30 मई अपनी रौबदार मूंछों, पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ और सखà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के लिठपहचाने जाने वाले उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के पूरà¥à¤µ डीजीपी अनिल रतूड़ी ने अपने रिटायरमेंट के बाद अपनी नई किताब लिखी है। इस किताब का सीà¤à¤® पà¥à¤·à¥à¤•à¤° सिंह धामी ने विमोचन किया।आमतौर पर शांत सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ और कम बोलने वाले पà¥à¤²à¤¿à¤¸ अफसरों में शà¥à¤®à¤¾à¤° रहे अनिल रतूड़ी के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के दूसरे हिसà¥à¤¸à¥‡ में बची पà¥à¤°à¥‡à¤® जैसी कोमल à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ à¤à¤• किताब के रूप में सबके सामने है। हालांकि लोगों को अनिल रतूड़ी के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ इस नठरूप को देखकर कà¥à¤› हैरानी à¤à¥€ जरूर हो रही है। शनिवार को सरà¥à¤µà¥‡ चौक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ आईआरडीटी सà¤à¤¾à¤—ार में आयोजित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पà¥à¤·à¥à¤•à¤° सिंह धामी ने राजà¥à¤¯ के पूरà¥à¤µ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ महानिदेशक अनिल रतूड़ी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखित उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ “à¤à¤‚वर à¤à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤® कहानी†का विमोचन किया। अनिल रतूड़ी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखित 350 पृषà¥à¤ ों का यह उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ विनसर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ किया गया है। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पà¥à¤·à¥à¤•à¤° सिंह धामी ने उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ के लेखक अनिल रतूड़ी को शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚ देते हà¥à¤ कहा कि à¤à¤• वरà¥à¤¦à¥€à¤§à¤¾à¤°à¥€ अधिकारी जब à¤à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤® कथा लिखते हैं, तो इससे अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाया जा सकता है की उनके हृदय में किस तरह के à¤à¤¾à¤µ होंगे।सीà¤à¤® ने कहा कि इस उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने जीवन में घटित सà¤à¥€ संसà¥à¤®à¤°à¤£à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤à¥‚तियों का वरà¥à¤£à¤¨ किया है। अपने कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जिस तरह अपनी साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• अनà¥à¤à¥‚तियों को बचा कर रखा वह पà¥à¤°à¤¶à¤‚सनीय है। इस उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ के माधà¥à¤¯à¤® से मानव जीवन के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पहलà¥à¤“ं को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¥‡ का सराहनीय पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया है।उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि कोई à¤à¥€ कारà¥à¤¯ तब जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अचà¥à¤›à¤¾ होता है, जब हम उस कारà¥à¤¯ को करने के लिठसà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° हों। कारà¥à¤¯ की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के लिठजरूरी है कि कोई à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ का दास न बने। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने “à¤à¤‚वर à¤à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤® कहानी†उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ के कà¥à¤› मà¥à¤–à¥à¤¯ अंशों का जिकà¥à¤° à¤à¥€ किया।