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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जनवरी, 2017 से आरंभ की


जिला कार्यक्रम अधिकारी शैली प्रजापति ने विभागीय स्तर पर संचालित केंद्र पोषित योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना व राष्ट्रीय पोषण मिशन योजनाओं की जानकारी देते हुए अवगत कराया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जनवरी, 2017 से आरंभ की गई है। योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने पर लाभार्थी के एकल खाते में महिला व बच्चे के पोषण हेतु पांच हजार रुपए प्रदान किए जाते हैं।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

रुद्रप्रयाग 28 मई, 2022, जिला कार्यक्रम अधिकारी शैली प्रजापति ने विभागीय स्तर पर संचालित केंद्र पोषित योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना व राष्ट्रीय पोषण मिशन योजनाओं की जानकारी देते हुए अवगत कराया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जनवरी, 2017 से आरंभ की गई है। योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने पर लाभार्थी के एकल खाते में महिला व बच्चे के पोषण हेतु पांच हजार रुपए प्रदान किए जाते हैं। इसके लिए पहली किश्त गर्भधारण के 150 दिन के भीतर, दूसरी किश्त गर्भधारण करने के 180 दिन पूर्ण होने पर तथा तीसरी व अंतिम किश्त जन्म के 3.5 माह के उपरांत लाभार्थी महिला के एकल बैंक खाते में सीधे उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि इस योजना के प्रारंभ होने से अब तक 6066 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है। विभाग द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजना राष्ट्रीय पोषण मिशन के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं के पोषण स्थिति में सुधार के लिए केंद्र सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत जनपद में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में सामुदायिक आधारित कार्यक्रम अंतर्गत गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व देखभाल, जन्म के समय बच्चे की देखभाल की तैयारी, सुरक्षित संस्थागत प्रसव इत्यादि सुनिश्चित करने हेतु गोदभराई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। नवजात बच्चों के उचित पोषण तथा 06 माह की आयु तक महिलाओं को जागरुक किए जाने हेतु अन्नप्राशन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय पोषण के अंतर्गत अन्य गतिविधियां जैसे- नवजात कन्या शिशुओं हेतु बेबी किट का वितरण, कुपोषित बच्चों हेतु पोषण किट वितरण, कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण आदि गतिविधियां संचालित की जाती हैं। उन्होंने बताया कि पोषणयुक्त व्यंजनों को बढ़ावा देने हेतु अम्मा की स्मृतियों से तथा किशोरी एवं महिलाओं को पोषण के प्रति जागरुक करने हेतु पोषण रंगोली, पेंटिंग प्रतियोगिता, काउंसलिंग सत्रों का भी आयोजन किया जाता है।

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