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श्री राम लला के मन्दिर का एक - एक पत्थर भारतीय संस्कृति का उद्घोषक स्वामी चिदानन्द सरस्वती


गर्भगृह के शिलापूजन के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आज का यह दिव्य कार्यक्रम करोड़ों-करोडों आस्थावान श्रद्धालुओं की आस्था और 500 वर्षो के अथक प्रयासों का अद्भुत परिणाम है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 1 जून। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने श्री राम मन्दिर गर्भगृह के शिलापूजन में वर्चुअल माध्यम से सहभाग किया। गर्भगृह के शिलापूजन के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आज का यह दिव्य कार्यक्रम करोड़ों-करोडों आस्थावान श्रद्धालुओं की आस्था और 500 वर्षो के अथक प्रयासों का अद्भुत परिणाम है। आज ऐतिहासिक दिन है माननीय योगी के द्वारा आज न केवल रामलला के गर्भ गृह की आधारशिला रखी गयी बल्कि आज तो भारतीय संस्कृति की आधारशिला की स्थापना हुयी है; सनातन संस्कृति की स्थापना हुयी है। आज का महोत्सव भव्यता और दिव्यता का अद्भुत संगम है। साथ ही दुनिया भर के करोड़ांे - करोड़ांे भक्तों की आस्था का दिव्य संगम है। भारतीय संस्कृति विश्व मंगल की संस्कृति है, सब का भला चाहती है इस दिव्य समारोह से यही संदेश प्रसारित हो रहा है। स्वामी जी ने कहा कि आज निर्माण से निर्वाण की यात्रा का शुभारम्भ हो रहा है। संस्कृति, संस्कार और सत्य की स्थापना का शंखनाद हो रहा है। श्री राम लला के मन्दिर का एक -एक पत्थर भारतीय संस्कृति का उद्घोषक है, जिसमें वर्षो की तपस्या का पुण्य समाहित है। यह केवल आज का अनुष्ठान नहीं है बल्कि आने वाले नये भारत का अनुष्ठान है और यह वर्षो के अनुष्ठान का पुण्यफल भी है जो आज सभी को प्राप्त होगा और सदियों तक प्राप्त होता रहेगा। उन्होंने कहा कि इस समय केन्द्र उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में सरकारी नहीं संस्कारी सरकारें है इसलिये आज हम सभी भारतीय संस्कृति और दिव्य मूल्यों को स्थापित होते देख रहे हैं।

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