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श्री केदारनाथ धाम में सफाई नहीं गन्दगी डाल कर दूषित कर रहे पवित्र मन्दाकिनी नदी के पवित्र जल को


मुख्यमंत्री के आदेश है कि चारों धाम यात्रा को स्वच्छता में कोई कमी नहीं होनी चाहिए इसको लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से सफाई कर्मियों की टीमें गठित की गई हैं और हजारों कर्मचारी यात्रा के दौरान मार्गो की सफाई में लगे हुए हैं बात करें श्री केदारनाथ धाम की तो जिला प्रशासन ने सैकड़ों कर्मचारी गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ पैदल मार्ग पर सफाई कर रहे हैं लेकिन मार्ग का हाल 2 दिन पूर्व "आल न्यूज़ भारत" के समाचार के माध्यम से आपको दिखा चुके हैं केदारनाथ यात्रा मार्ग पर लगे सफाई कर्मचारी किस तरह से कूड़े का निस्तारण ना कर केदारनाथ से बहने वाली पवित्र मंदाकिनी नदी के पवित्र जल को गंदगी डालकर दूषित किया जा रहा है|

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

प्राचीन काल में तीर्थ यात्राओं एवं व राज्य की खुशहाली के लिए एवं जनकार्यों की सच्चाई जानने के लिए राजा एवं मंत्री, अधिकारी अपना वेश-भूषा बदलकर सच्चाई जानने के लिए निरीक्षण किया करते थे लेकिन आज बिल्कुल उल्टा है राजा एवं मंत्री, अधिकारी अपनी कुर्सी पर बैठ कर के आदेश पारित कर देते हैं लेकिन आज कितना आदेशों का पालन हो रहा है यह कोई जानने की कोशिश भी नहीं करता क्योंकि भ्रष्टाचार इस देश को खोखला कर रहा है उत्तराखंड चार धाम यात्रा इस समय चरम पर है मुख्यमंत्री के आदेश है कि चारों धाम यात्रा को स्वच्छता में कोई कमी नहीं होनी चाहिए इसको लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से सफाई कर्मियों की टीमें गठित की गई हैं और हजारों कर्मचारी यात्रा के दौरान मार्गो की सफाई में लगे हुए हैं बात करें श्री केदारनाथ धाम की तो जिला प्रशासन ने सैकड़ों कर्मचारी गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ पैदल मार्ग पर सफाई कर रहे हैं लेकिन मार्ग का हाल 2 दिन पूर्व "आल न्यूज़ भारत" के समाचार के माध्यम से आपको दिखा चुके हैं केदारनाथ यात्रा मार्ग पर लगे सफाई कर्मचारी किस तरह से कूड़े का निस्तारण ना कर केदारनाथ से बहने वाली पवित्र मंदाकिनी नदी के पवित्र जल को गंदगी डालकर दूषित किया जा रहा है जो खींची तस्वीरों के माध्यम से आप देख सकते हैं उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री एवं अधिकारी द्वारा दिए आदेशों का कितना पालन हो रहा है यह आप इन तस्वीरों के माध्यम से देख सकते हैं यह राजा एवं अधिकारी आदेश तो जारी कर देते हैं लेकिन उनका पालन कराना भूल जाते हैं जबकि एनजीटी के आदेश अनुसार गंगा के पवित्र जल को दूषित करना बहुत बड़ा जुर्म माना गया है इसको लेकर एनजीटी ने जुर्माना एवं 1 वर्ष की सजा का भी प्रावधान है लेकिन जब पवित्र जल को दूषित रक्षक ही करेंगे तो उनका जुर्माना और सजा कौन करेगा श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग सफाई के नाम पर केवल दिखावा हो रहा है और उसका हर्जाना श्री केदारनाथ यात्रा करने वाले लाखों श्रद्धालु बीमारियों के रूप में भर रहे हैं जिसकी चिंता न तो जिला प्रशासन को है और ना ही सरकार को जो जिला प्रशासन गंदगी के निस्तारण नहीं करा पा रहा है वह आने वाले श्रद्धालुओं के प्रति कितना संवेदनशील है आप स्वयं ही जान सकते हैं क्योंकि मंदाकिनी नदी के पवित्र प्राकृतिक जल को दूषित किया जा रहा है और बिसलरी पानी की 1 लीटर बोतल 50 रु० से लेकर 100रु० तक बिकवाया जा रहा है सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा श्री केदारनाथ तीर्थ यात्रा मार्ग पर मंदाकिनी नदी के पवित्र जल की प्याऊ लगाने की जगह यात्रियों को पानी के नाम पर लूटा जा रहा है जबकि प्राचीन काल में यात्रा मार्ग पर जगह-जगह प्याऊ और खाने पीने की वस्तुओं राजा, मंत्री उपलब्ध कराया करते थे लेकिन आज श्रद्धालुओं को यह सरकारें प्रिंट रेट से आठ से 10 गुना अधिक वसूल करा कर तीर्थ की आस्था को खत्म किया जा जा रहा है और नदी के पवित्र प्राकृतिक जल को दूषित किया जा रहा है|अगर तीर्थों के प्रति आज भी सरकारें नहीं जागी तो व दिन दूर नहीं जब श्रद्धालु तीर्थ यात्रा के नाम से नफरत करेंगे|

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