परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ के महान उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ और कवियों में से à¤à¤•, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ को अपना राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ गीत दिया, à¤à¤¸à¥‡ महापà¥à¤°à¥‚ष बंकिम चनà¥à¤¦à¥à¤° चटà¥à¤Ÿà¥‹à¤ªà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ जी को उनकी जयंती पर à¤à¤¾à¤µà¤à¥€à¤¨à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 27 जून। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ के महान उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ और कवियों में से à¤à¤•, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ को अपना राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ गीत दिया, à¤à¤¸à¥‡ महापà¥à¤°à¥‚ष बंकिम चनà¥à¤¦à¥à¤° चटà¥à¤Ÿà¥‹à¤ªà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ जी को उनकी जयंती पर à¤à¤¾à¤µà¤à¥€à¤¨à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ अपनी समृदà¥à¤§ कला और सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत के लिये जाना जाता है। जैसे-जैसे समाज बदलता है, वैसे-वैसे कला और साहितà¥à¤¯ à¤à¥€ बदलता है परनà¥à¤¤à¥ कà¥à¤› रचनायें होती है जिनमें सदैव ही राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ का गौरव निहित होता है वंदे मातरमॠउनमें से à¤à¤• है। शà¥à¤°à¥€ बंकिम चनà¥à¤¦à¥à¤° चटà¥à¤Ÿà¥‹à¤ªà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचित महाकावà¥à¤¯ आनंदमठने सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® के दौरान पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¸à¥à¤°à¥‹à¤¤ का कारà¥à¤¯ किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने कहा कि साहितà¥à¤¯ समाज का दरà¥à¤ªà¤£ होता है। किसी à¤à¥€ समाज में साहितà¥à¤¯ के माधà¥à¤¯à¤® से मानवीय जीवन का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¿à¤‚ब परिलकà¥à¤·à¤¿à¤¤ होता है। शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ साहितà¥à¤¯ सामाजिक चेतना को सकारातà¥à¤®à¤• दिशा देने का कारà¥à¤¯ करते हैं। वंदे मातरमॠऔर जन गण मन जैसे राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ से ओतपà¥à¤°à¥‹à¤¤ गीतों से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ होकर à¤à¤¾à¤°à¤¤ माठके अनेक वीरों और वीरांगनाओं ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ माठके चरणों में अपने पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर दिया। à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤• विविध संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं का देश है, जहाठपर थोड़ी सी दूरी पर à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚, पहनावा, खान-पान और बोल-चाल का ढंग बदल जाता है। यहां पर हर à¤à¤• राजà¥à¤¯ की अपनी अलग पहचान है और इस पहचान में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की à¤à¤²à¤• देखने को मिलती है परनà¥à¤¤à¥ हम सà¤à¥€ की राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¤• है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने यà¥à¤µà¤¾à¤“ं का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि अपने हृदय में राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का दीप सदैव पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ रखना कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤° है तो हम हंै, हमारी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ है और हमारा à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ है। आज की परमारà¥à¤¥ गंगा आरती बंकिम चंदà¥à¤° चटà¥à¤Ÿà¥‹à¤ªà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ जी को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की तथा गंगा आरती के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ वंदे मातरमॠका गायन कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ विनमà¥à¤° शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की।