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गुरु बिना ज्ञान नहीं गुरु ज्ञान के विशाल सूर्य होते हैं


गुरु ज्ञान की वह गंगा है जिसमें गोता लगाने के बाद अज्ञानी से अज्ञानी मानव भी बहुत बड़ा महापुरुष बहुत बड़ा ज्ञानी बहुत बड़ा पथ प्रदर्शक बन सकता है किंतु जब तक गुरु की कृपा न हो तब तक कुछ संभव नहीं इसलिए भक्तजनों गुरु के ज्ञान की गंगा में गोते लगाओ जिस प्रकार भगवान कृष्ण के जन्म से लेकर मथुरा जाने तक संपूर्ण गोकुल वासियों वह गोपियों ने भगवान कृष्ण की छत्रछाया वह कृपा में रहकर महा अमृत का रसपान किया हे।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

हरिद्वार 18 अगस्त 2022 गुरु बिना ज्ञान नहीं गुरु ज्ञान के विशाल सूर्य होते हैं श्री प्रेम गिरी बनखंडी आश्रम कांगड़ी में अपने श्री मुख से ज्ञान की वर्षा करते हुए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर परम पूज्य संजय गिरी महाराज ने कहा गुरु वह नाव है जिनके ज्ञान में सवार होकर अज्ञानी से अज्ञानी भक्त भी भवसागर पार हो जाता है गुरु ज्ञान की वह गंगा है जिसमें गोता लगाने के बाद अज्ञानी से अज्ञानी मानव भी बहुत बड़ा महापुरुष बहुत बड़ा ज्ञानी बहुत बड़ा पथ प्रदर्शक बन सकता है किंतु जब तक गुरु की कृपा न हो तब तक कुछ संभव नहीं इसलिए भक्तजनों गुरु के ज्ञान की गंगा में गोते लगाओ जिस प्रकार भगवान कृष्ण के जन्म से लेकर मथुरा जाने तक संपूर्ण गोकुल वासियों वह गोपियों ने भगवान कृष्ण की छत्रछाया वह कृपा में रहकर महा अमृत का रसपान किया हे भक्तजनों उसी प्रकार तन मन धन से गुरु को समर्पित होकर सच्चे भाव से गुरु के बताए पथ पर आगे बढ़ो तुम जन्म कर्म के बंधन से मुक्त होकर अपने कर्तव्य अपनी जिम्मेदारियों की पूर्ति करते हुए भवसागर पार हो जाओगे हे भक्तजनों गुरु ज्ञान का विशाल सूर्य होता है और भक्त एक दीपक के समान होता है आवश्यकता होती है दीपक के ज्ञान की लौ जलाने की दीपक के प्रकाशमान होते ही जिस प्रकार कक्ष का अंधकार दूर हो जाता है उसी प्रकार गुरु का ज्ञान प्राप्त होने के बाद भक्त को ईश्वर का सच्चा ज्ञान गुरु की कृपा से प्राप्त हो जाता है पंचायती जूना अखाड़ा के सभापति परम पूज्य गुरुदेव प्रेम गिरी महाराज भी इसी प्रकार ज्ञान और कृपा के एक विशाल सूर्य है मैं गुरुदेव के चरणों में शत शत नमन करता हूं।

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