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साहस, धैर्य, प्रतिबद्धता और रचनात्मकता की है तबला वादक अनुराधा पाल की कहानी : श्री महन्त रविन्द्र पुरी


एस.एम.जे.एन. काॅलेज, पुरातन छात्र परिषद, हरिद्वार नागरिक मंच तथा इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी आफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में विश्वविख्यात भारत की प्रथम महिला तबला वादक पंडिता अनुराधा पाल ने महाविद्यालय के सभागार में अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज, अध्यक्ष, काॅलेज प्रबन्ध समिति, विश्वविख्यात तबला वादक पंडिता अनुराधा पाल तथा काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा द्वारा सरस्वती वन्दन करके किया गया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार 22 अगस्त, 2022 । एस.एम.जे.एन. काॅलेज, पुरातन छात्र परिषद, हरिद्वार नागरिक मंच तथा इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी आफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में विश्वविख्यात भारत की प्रथम महिला तबला वादक पंडिता अनुराधा पाल ने महाविद्यालय के सभागार में अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज, अध्यक्ष, काॅलेज प्रबन्ध समिति, विश्वविख्यात तबला वादक पंडिता अनुराधा पाल तथा काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा द्वारा सरस्वती वन्दन करके किया गया। श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज, अध्यक्ष, काॅलेज प्रबन्ध समिति ने पंडिता अनुराधा पाल की प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए कहा कि अनुराधा पाल एक तबला कला प्रवीण व्यक्तित्व , एवं संगीतकार हैं जिन्हें एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका और लिम्का बुक आफ रिकार्डस द्वारा दुनिया में पहली महिला तबला वादक के रूप में प्रशंसित किया गया है। उनकी कहानी साहस, धैर्य, प्रतिबद्धता और रचनात्मकता की है। श्री महन्त ने पंडिता अनुराधा पाल को भारत की तुलसी के नाम से सम्बोधन दिया। पंडिता अनुराधा की ओर से मधुर तबला वादन से सभी विद्यार्थी व प्राध्यापकगण मंत्रमुग्ध हो गये। अनुराधा पाल नेे सभी छात्र-छात्राओं को संगीत व कला में रूचि लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि लगभग सात वर्ष की आयु में उन्हें तबले से प्रेम हो गया था और दस साल की उम्र होते होते वो बाकायदा सार्वजनिक तौर पर लोगों के सामने प्रस्तुति देने लगी थी। काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने पंडिता अनुराधा पाल का स्वागत करते हुए बताया कि काॅलेज के व्याख्यान कक्ष में हर कोई तबले की इस विविधता को देख ताली बजाने स्वयं को रोक नहीं पाया। विश्व विख्यात पंडिता अनुराधा पाल ने जिस प्रकार से तबले पर विशेष थाप फ्यूजन को उतारने की कोशिश की, वह सबको आकर्षित करने में सफल हुई। कार्यक्रम का संचालन कर रहे आईक्यूएसी प्रभारी डाॅ. संजय माहेश्वरी ने बताया कि पंडिता अनुराधा पाल ने अलग-अलग तरीके से तबले को थाप दिया। तुषार रतूडी ने की-बोर्ड पर संगत दी। इस अवसर पर डाॅ. विशाल गर्ग, विकास तिवारी, विपुल गर्ग, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, डाॅ. रेणु सिंह, श्रीमती रिंकल गोयल, श्रीमती रिचा मिनोचा, डाॅ. विनीता चौहान, विनीत सक्सेना, डॉ विजय शर्मा सहित काॅलेज के अनेक छात्र-छात्रा उपस्थित थे।

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