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सनातन धर्म के अधारभूत करणीय कर्तव्यों पर चर्चा हेतु महाकाल की नगरी में आयोजित होगी धर्म संसद


शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज व अग्नि अखाड़े के श्रीमहन्त रामेश्वरानंद ने यति सन्यासियो के साथ महाकाल की नगरी में सनातन धर्म के धर्मगुरुओं की धर्म संसद की घोषणा की।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

आज शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज व अग्नि अखाड़े के श्रीमहन्त रामेश्वरानंद ने यति सन्यासियो के साथ महाकाल की नगरी में सनातन धर्म के धर्मगुरुओं की धर्म संसद की घोषणा की। यह धर्म संसद श्रावण माह में 9,10 और 11 अगस्त 2024 को आयोजित की जाएगी।धर्मगुरुओं के साथ ही सम्पूर्ण विश्व से हिंदूवादी कार्यकर्ता इसमें भाग लेंगे।श्रीमहन्त रामेश्वरानंद महाराज धर्म संसद के मुख्य संयोजक होंगे।महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज के शिष्य यति यतेन्द्रानंद जी व यति आत्मानंद जी उनके प्रतिनिधी के रूप में श्रीमहन्त रामेश्वरानंद के सहायक होंगे। प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने कहा कि आज सनातन धर्म अभूतपूर्व खतरे में है।हर तरफ से सनातन धर्म को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।सौ करोड़ सनातन के मानने वाले मौन होकर यह सब सहने के लिये विवश हैं क्योंकि वो केवल एक भीड़ बन कर रह गए हैं।अगर सनातन धर्म को बचना है और सनातन के मानने वालों को जिंदा रहना है तो इस सौ करोड़ की भीड़ को एक कौम में बदलना पड़ेगा।यह साधारण जनता का नही बल्कि धर्मगुरुओं का कार्य है।सनातन के धर्मगुरुओं को अब एकमत होकर इस दिशा के सौ करोड़ सनातनियों को लेकर चलना चाहिये।इस गम्भीर विषय पर चर्चा के लिये श्रावण मास में 9,10 और 11 अगस्त 2024 को उज्जैन में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा।यह धर्म संसद सनातन धर्म के मूलभूत नियम तय करने का विचार सन्त समाज के समक्ष रखेगी।

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