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भारत में नारी व नदी दोनों को पूजा जाता है परन्तु आज दोनों ही पीड़ा में - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


परमार्थ निकेतन में प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी जी का आगमन हुआ। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में परमार्थ गंगा तट पर जया किशोरी जी के मुखारविंद से तीन दिवसीय नानी बाई को मायरो कथा का आज शुभारंभ हुआ। आयोजक अग्रवाल परिवार और भारत के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालु इस दिव्य कथा, गंगा जी की आरती और इस आध्यात्मिक वातावरण का आनंद ले रहे हैं।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

ऋषिकेश, 1 सितम्बर। परमार्थ निकेतन में प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी जी का आगमन हुआ। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में परमार्थ गंगा तट पर जया किशोरी जी के मुखारविंद से तीन दिवसीय नानी बाई को मायरो कथा का आज शुभारंभ हुआ। आयोजक अग्रवाल परिवार और भारत के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालु इस दिव्य कथा, गंगा जी की आरती और इस आध्यात्मिक वातावरण का आनंद ले रहे हैं। जया किशोरी जी की मधुर वाणी में हो रही ’नानी बाई को मायरो’ दिव्य कथा का उद्घाटन स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर जी, डा साध्वी भगवती सरस्वती जी, श्री नरेन्द्र अग्रवाल जी, श्री ओम अग्रवाल जी, श्री नन्दकिशोर गोयल जी एवं अग्रवाल परिवार के सदस्यों ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ’नानी बाई को मायरो’ भक्त नरसी मेहता कि भगवान श्रीकृष्ण के प्रति परम भक्ति, श्रद्धा, विश्वास और समर्पण की दिव्य गाथा है जो हमें प्रेरणा देती है कि जीवन में कठिनाइयाँ चाहे कितनी भी हो परन्तु प्रभु के प्रति अटूट भक्ति व विश्वास से हर मुश्किल से उबारा जा सकता है। “वैष्णव जन तो तेने कहिए” में उन्होंने सच्चे भक्त की विशेषताओं का अद्भुत वर्णन किया है। प्रभु का सच्चा भक्त वही है जो दूसरों की पीड़ा को समझे और बिना अहंकार किये दूसरों की मदद करंे। नरसी मेहता जी ने प्रभु की भक्ति में लीन रहकर अपने जीवन को सार्थक बनाया। यह कथा हमें संदेश देती हैं कि जीवन की गति, सद्गति की ओर हो, मति, सम्मति की ओर हो, हमारा चितंन समाज के कल्याण के लिये हो, ध्यान, परमात्मा के श्री चरणों में हो और हमारे द्वारा सेवा सम्पूर्ण मानवता की हो। महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर जी ने परमार्थ गंगा तट की महिमा का बताते हुये कहा कि यह दिव्य स्थान अपने आप में स्वर्ग के समान है। स्वर्ग में बैठकर कथा सुनने का अपना ही आनंद है। परमार्थ निकेतन के इस दिव्य गंगा तट का दर्शन, ये मनमोहक छटा, यहां की दिव्यता, पवित्रता व शुद्ध सात्विक वातावरण मन को विभोर कर देता है। साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि वास्तविक चमत्कार भक्ति की शक्ति में है, यही संदेश हमें नानी बाई को मायरो की कथा हमें देती है। जहां दिल में भक्ति हो वहां पर प्रभु स्वयं पहुंचते हैं और समस्याओं का समाधान करती है।

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