गढ़वाली साहितà¥à¤¯ में महिलाओं के योगदान को पहली बार उनकी गढ़वाली कविताओं के पहले वृहद संकलन "आखर " के रूप में समाज में लाने का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारà¥à¤¯ आखर समिति के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• ,गढ़वाली लेखक व शिकà¥à¤·à¤• संदीप रावत à¤à¤µà¤‚ सूरत में रहने वाले पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ गढ़वाली साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° गीतेश सिंह नेगी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया है ।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
गढ़वाली साहितà¥à¤¯ में महिलाओं के योगदान को पहली बार उनकी गढ़वाली कविताओं के पहले वृहद संकलन "आखर " के रूप में समाज में लाने का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारà¥à¤¯ आखर समिति के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• ,गढ़वाली लेखक व शिकà¥à¤·à¤• संदीप रावत à¤à¤µà¤‚ सूरत में रहने वाले पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ गढ़वाली साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° गीतेश सिंह नेगी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया है । शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र गढ़वाल मे रहने वाले गढ़वाली साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° , शिकà¥à¤·à¤• संदीप रावत व सूरत में रहने वाले पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ गढ़वाली साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° गीतेश सिंह नेगी के समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ में गढ़वाली कवयितà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की कविताओं का पहला वृहद संगà¥à¤°à¤¹ "आखर "((दिसा- धियाणà¥à¤¯à¥‚ं को पैलो वृहद गढ़वाळि कविता संगà¥à¤°à¥ˆ ) नाम से पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤† है । इस à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• वृहद संगà¥à¤°à¤¹ को गढ़वाली की पहली कवयितà¥à¤°à¥€ '' सà¥à¤µ.विदà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¤à¥€ डोà¤à¤¾à¤² "को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया गया है । सà¥à¤µ. विदà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¤à¥€ डोà¤à¤¾à¤² से लेकर वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ तक गढ़वाली कविता कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° जितनी à¤à¥€ कवयितà¥à¤°à¥€ कलमरतॠहैं वृहद संगà¥à¤°à¤¹ "आखर" में समà¥à¤®à¤²à¤¿à¤¤ हैं । नई पीढ़ी अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ सà¥à¤•à¥‚ल व कॉलेज में पढ़ने वाली छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं की गढ़वाली कविताà¤à¤‚ à¤à¥€ गढ़वाली कवयितà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की रचनाओं को à¤à¥€ इस वृहद स में शामिल किया गया है। लगà¤à¤— दो साल पहले 23 सितमà¥à¤¬à¤° 2018 को शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र गढ़वाल में "आखर" समिति ( शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र गढ़वाल) दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गढ़वाली à¤à¤¾à¤·à¤¾- साहितà¥à¤¯ के इतिहास में पहले विशà¥à¤¦à¥à¤§ गढ़वाली कवयितà¥à¤°à¥€ समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ का आयोजन किया गया था । उसी पहले गढ़वाली कवयितà¥à¤°à¥€ समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ के फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प ही वृहद विचार को मूरà¥à¤¤ रूप देकर संदीप रावत à¤à¤µà¤‚ गीतेश सिंह नेगी ने यह महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारà¥à¤¯ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ किया और उनके समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ में यह वृहद "आखर "( दिसा- धियाणà¥à¤¯à¥‚ं को पैलो वृहद गढ़वाळि कविता संगà¥à¤°à¥ˆ) हà¥à¤† है । इस वृहद संगà¥à¤°à¤¹ का लोकारà¥à¤ªà¤£ शीघà¥à¤° ही शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र गढ़वाल में साहितà¥à¤¯à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ गणमानà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ मे होगा ।