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देश के हर जिले में निर्यात के लिए बनेगा एक्सपोर्ट हब


विश्व निर्यात में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने और निर्यात को अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनाने के लिए सरकार हर जिले में एक्सपोर्ट हब बनाएगी।वहीं, विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने एवं निर्यात लागत को दूसरे देशों के बराबर लाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

विश्व निर्यात में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने और निर्यात को अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनाने के लिए सरकार हर जिले में एक्सपोर्ट हब बनाएगी।वहीं, विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने एवं निर्यात लागत को दूसरे देशों के बराबर लाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने यह जानकारी दी।इस मामले में उन्होंने वियतनाम जैसे देश का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें अपनी उत्पादन लागत को उनके बराबर लाना होगा। विश्व निर्यात में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 1.7 फीसद है जिसे इस दशक में 5 फीसद तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।वित्त वर्ष 2018-19 में भारत का वस्तु निर्यात 330 अरब डॉलर का था।देश में बुधवार को पहली बार निर्यात तत्परता सूचकांक (एक्सपोर्ट प्रीपरेडनेस इंडेक्स) जारी किया गया। इस सूचकांक का लक्ष्य यह पता लगाना है कि निर्यात के लिए किस राज्य की कितनी तैयारी है।इस मौके पर वधावन ने कहा कि कई बार राज्यों के बीच इस बात को लेकर लड़ाई होती है कि निर्यात होने वाली वस्तु उनके किसी जिले की थी और उसका श्रेय कोई और राज्य ले गया।इसलिए सरकार हर राज्य के हर जिले में एक्सपोर्ट हब बनाएगी।उन्होंने बताया कि शिपिंग बिल और जीएसटीए फार्मेट में भी बदलाव की तैयारी हो रही है ताकि यह पता चल सके कि किस राज्य और किस जिले से कितना निर्यात किया गया।एक जिला एक उत्पाद की पहचान शुरू हो गई है। वधावन ने कहा कि सिर्फ केंद्र के प्रयासों से विश्व निर्यात में भारत की हिस्सेदारी नहीं बढ़ाई जा सकती है। इसमें राज्यों का परस्पर सहयोग चाहिए।

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