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बच्चों और युवाओं में कोरोना के गंभीर होने का खतरा कम


कोरोना वायरस (COVID-19) से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही है।यह खतरनाक वायरस पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों पर ज्यादा भारी पड़ रहा है। सामान्य वयस्कों के लिए भी यह घातक साबित हो रहा है|

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

कोरोना वायरस (COVID-19) से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही है।यह खतरनाक वायरस पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों पर ज्यादा भारी पड़ रहा है। सामान्य वयस्कों के लिए भी यह घातक साबित हो रहा है,लेकिन बच्चों और युवाओं में इसका कम खतरा पाए जाने का दावा किया जाता है।एक नए अध्ययन में भी यह बात सामने आई है।इसका कहना है कि वयस्कों की तुलना में बच्चों और युवा लोगों में कोरोना के गंभीर होने का खतरा कम पाया गया है।इनमें कोरोना से मौत का जोखिम भी निम्न है।बीएमजे पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, हालांकि अश्वेत बच्चों में कोरोना संक्रमण का गंभीर प्रभाव पाया गया है। ब्रिटेन की एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए अध्ययन के शोधकर्ताओं ने कहा, 'दुनियाभर में कोरोना की चपेट में आए लोगों में बच्चे और युवा महज एक-दो फीसद हैं।ज्यादातर बच्चे मामूली तौर पर संक्रमित या बिना लक्षण वाले पाए गए हैं।'शोधकर्ताओं की टीम ने गत 17 जनवरी से तीन जुलाई के दौरान इंग्लैंड के अस्पतालों में भर्ती किए गए 651 बच्चों पर किए गए एक अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।उन्होंने अस्पतालों में भर्ती किए गए बच्चों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने के मामले बेहद कम पाए।

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