होने वाले कà¥à¤®à¥à¤ परà¥à¤µ को लेकर कई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियाॅं पैदा की जा रही है। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¥€à¤¯ गणना के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इस बार 2022 के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° कà¥à¤®à¥à¤ 2021 में हो रहा है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में 2021 में होने वाले कà¥à¤®à¥à¤ परà¥à¤µ को लेकर कई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियाॅं पैदा की जा रही है। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¥€à¤¯ गणना के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इस बार 2022 के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° कà¥à¤®à¥à¤ 2021 में हो रहा है। इस समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद के महामंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरि गिरि जी महाराज ने बताया कि वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ तो यह है कि हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° कà¥à¤®à¥à¤ का योग देवताओं के गà¥à¤°à¥‚ बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ के कà¥à¤®à¥à¤ राशि में संकà¥à¤°à¤®à¤£ करने पर बनता है। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ ऋषियों ने पूरे बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤‚ड को 360 डिगà¥à¤°à¥€ का à¤à¤¾à¤— देकर उसके 12 à¤à¤¾à¤— किठऔर उनà¥à¤¹à¥‡ 12राशियों में बांट दिया। हमारे 9 गà¥à¤°à¤¹ सूरà¥à¤¯ आदि इनà¥à¤¹à¥€ राशि चकà¥à¤°à¥‹à¤‚ से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ हà¥à¤ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ योग बनाते है। उनका कहना है कि सरà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¤¿à¤¤ है कि पौराणिक गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° 12 कà¥à¤®à¥à¤ कपà¥à¤²à¤¿à¤¤ है जिनमें चार कà¥à¤®à¥à¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ वरà¥à¤· में हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°,उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨,नासिक और पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤—राज में लगते है। शेष 8 कà¥à¤®à¥à¤ देवलोक में होते है। इन चार सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ राशियों में संकà¥à¤°à¤®à¤£ और उसमें उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। सामानà¥à¤¯à¤¤à¤ƒ माना जाता है कि बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ à¤à¤• राशि में à¤à¤• वरà¥à¤· रहता है और बारह वरà¥à¤· में घूमकर पà¥à¤¨à¤ƒ उसी राशि में पहà¥à¤šà¤¤à¤¾ है। परनà¥à¤¤à¥ वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ यह है कि बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ 4332.5दिनों या 11वरà¥à¤· 11महीने और 27दिनों में बारह राशियों की परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ पूरी करता है। इस तरह बारह वरà¥à¤·à¥‹ में 50.5दिन कम हो जाते है और यह कà¤à¥€ कà¤à¥€ बà¥à¤¤à¥‡-बà¥à¤¤à¥‡ सातवें और आठवें कà¥à¤®à¥à¤ के बीच à¤à¤• वरà¥à¤· के लगà¤à¤— हो जाती है। इसलिठहर आठवां कà¥à¤®à¥à¤ 11वरà¥à¤· बाद होता है। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त हरिगिरि ने बताया बीसवीं शताबà¥à¤¦à¥€ में हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° मे तीसरा कà¥à¤®à¥à¤ 1927 में हà¥à¤† था। सामानà¥à¤¯ गणना के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अगला कà¥à¤®à¤ 1939 में होना था,लेकिन बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ की चाल के कारण 1927 के बाद 1938 यानि 11वें वरà¥à¤· में ही कà¥à¤®à¥à¤ आ गया था । इसी तरह इकà¥à¤•à¥€à¤¸à¤µà¥€à¤‚ शताबà¥à¤¦à¥€ में बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ के चाल के कारण आठवां कà¥à¤®à¥à¤ 2022 के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर 2021 में ही पड़ जायेगा। हर शताबà¥à¤¦à¥€ में à¤à¤¸à¤¾ कम से कम à¤à¤• बार अवशà¥à¤¯ होता है। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त हरिगिरि के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हम पिछले 1000वरà¥à¤·à¥‹ का इतिहास देखे तो इन 1000 वरà¥à¤· में 85 कà¥à¤®à¥à¤ हो चà¥à¤•à¥‡ है। कà¥à¤®à¥à¤ का मà¥à¤–à¥à¤¯ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ सूरà¥à¤¯ तथा चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ की यà¥à¤¤à¤¿ के चलते मेष संकà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ को ही होेते है। यहां यह à¤à¥€ विशेष है कि सूरà¥à¤¯ यानि मेष संकà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ 14अपà¥à¤°à¥ˆà¤² को होती है,परनà¥à¤¤à¥ 1000वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ यह 1अपà¥à¤°à¥ˆà¤² को हà¥à¤¯à¥€ थी। फिर 1108 में 2 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² को रही। इसमें यह à¤à¥€ विशेष है कि 1 से 14अपà¥à¤°à¥ˆà¤² तक सà¤à¥€ तारीखों में कà¥à¤®à¥à¤ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ हà¥à¤,लेकिन 11 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² को कà¥à¤®à¥à¤ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कà¤à¥€ नही हà¥à¤†à¥¤ उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय है कà¥à¤®à¥à¤ में 12वरà¥à¤· होना कोई आवशà¥à¤¯à¤• नही है बलà¥à¤•à¤¿ बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ का कà¥à¤®à¥à¤ राशि में तथा सूरà¥à¤¯ का मेष राशि में संकà¥à¤°à¤®à¤£ जरूरी है। इसी अमृत योग में कà¥à¤®à¥à¤ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ की सनातन परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ है। पिछले à¤à¤• हजार वरà¥à¤·à¥‹ की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ देखी जाठतो इससे पूरà¥à¤µ 1760,1885,1938 के कà¥à¤®à¥à¤ परà¥à¤µ में 11वें वरà¥à¤· में हà¥à¤ थे।