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रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ धाम के प्रारंभिक स्थल गौरीकुण्ड के लियेराष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत स्वीकृत योजनाओं हेतु स्थलीय निरिक्षण किया


राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत विभिन्न योजनाओं हेतु स्थलीय निरिक्षण किया गया गौरीकुण्ड में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत एक बायोगैस प्लांट एवं जिला प्रशासन द्वारा एक कम्पोस्ट पिट का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है|

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

रुद्रप्रयाग 07 जुलाई, 2021, आज दिनाँक 5 जुलाई 2021 को राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप, नमामि गंगे, उत्तराखण्ड के मॉनिटरिंग विशेषयज्ञ, रोहित जयाड़ा द्वारा नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत जनपद रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ धाम के प्रारंभिक स्थल गौरीकुण्ड के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत विभिन्न योजनाओं हेतु स्थलीय निरिक्षण किया गया गौरीकुण्ड में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत एक बायोगैस प्लांट एवं जिला प्रशासन द्वारा एक कम्पोस्ट पिट का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है जिसके भूमि चयन हेतु संयुक्त निरिक्षण किया गया जिला मजिस्ट्रेट, रुद्रप्रयाग मनुज गोयल जी एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, रुद्रप्रयाग दीपेन्द्र सिंह नेगी के निर्देशानुसार उक्त निरिक्षण में जिला प्रशासन की तरफ से तहसीलदार, उखीमठ बी. आर. बधानी एवं पटवारी, सुन्दर लाल मौजूद रहे. गौरीकुण्ड केदारनाथ धाम का प्रारंभिक स्थल है, जहाँ से श्रद्धालु अपनी यात्रा प्रारम्भ करते हैं, यात्रा को सुलभ करने हेतु गौरीकुण्ड में यात्रा के दौरान लगभग 6000 घोड़े-खच्चर मौजूद रहते हैं इन घोड़े-खच्चरों द्वारा उत्पन्न मल से केदारनाथ यात्रा मार्ग में गन्दगी रहती है, जिससे की पैदल चलने वाले यात्रियों को समस्या होती है एवं वर्षा के दौरान सारा मल बहकर मन्दाकिनी नदी को भी प्रदूषित करता है इस समस्या के निस्तारण हेतु गौरीकुंड में स्वच्छ भारत मिशन के प्रोत्साहन अनुदान के ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के मद से स्वीकृत एक बायोगैस प्लांट लगाया जाना है जिससे इन घोड़े-खच्चरों द्वारा उत्पन्न मल से 15 लैंप एवं 15 घरों को बिजली एवं गैस आपूर्ति सुविधा उपलब्ध करी जाएगी. प्रथम चरण में बायोगैस प्लांट छोटे स्तर पर लगाया जाना है जिसके सफल परीक्षणोपरान्त यह परियोजना दूसरे चरण में बड़े स्तर पर लगायी जाएगी साथ ही गौरीकुण्ड में एक कम्पोस्ट पिट का निर्माण भी किया जाना है जिससे कि घोड़े-खच्चरों द्वारा उत्पन्न मल से खाद बनाई जाएगी इन परियोजनाओं के लागू होने से गौरीकुण्ड क्षेत्र में गन्दगी नहीं होगी।

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