संत महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ ने आशà¥à¤°à¤® में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ देवेंदà¥à¤° सà¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ पर पà¥à¤·à¥à¤ª अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की और à¤à¤• महान संत बताया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 8 सितंबर। à¤à¥€à¤®à¤—ोड़ा सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ जयराम आशà¥à¤°à¤® में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ देवेंदà¥à¤° सà¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज की पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ सà¤à¥€ तेरह अखाड़ों के संत महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के सानिधà¥à¤¯ में मनाई गई। इस अवसर पर संत महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ ने आशà¥à¤°à¤® में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ देवेंदà¥à¤° सà¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ पर पà¥à¤·à¥à¤ª अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की और à¤à¤• महान संत बताया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को संबोधित करते हà¥à¤ निरंजन पीठाधीशà¥à¤µà¤° आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि महापà¥à¤°à¥‚ष केवल शरीर तà¥à¤¯à¤¾à¤—ते हैं। उनकी आतà¥à¤®à¤¾ सदैव अजर अमर रहकर समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करती है। संत महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के जीवन से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर सà¤à¥€ को राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में अपनी सहà¤à¤¾à¤—िता निà¤à¤¾à¤¨à¥€ चाहिà¤à¥¤ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ देवेंदà¥à¤° सà¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज à¤à¤• विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ तपसà¥à¤µà¥€ संत थे। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने जीवन काल में जयराम संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° कर शिकà¥à¤·à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में नठआयाम सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किà¤à¥¤ à¤à¤¸à¥‡ महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ को संत समाज नमन करता है। सनातन धरà¥à¤® व à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को आगे बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ में जयराम आशà¥à¤°à¤® पà¥à¤°à¤®à¥à¤– à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾ रहा है। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पद से संबोधित करते हà¥à¤ जूना पीठाधीशà¥à¤µà¤° आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि संत महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ ने सदैव समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ कर नई दिशा दी है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ देवेंदà¥à¤° सà¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने जीवन परà¥à¤¯à¤‚त गंगा तट से अनेकों सेवा पà¥à¤°à¤•à¤²à¥à¤ª पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकर गरीब असहाय लोगों की मदद की और समाज को सेवा का संदेश दिया। समाज कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ में उनका योगदान अà¤à¥‚तपूरà¥à¤µ था। उनके कृपा पातà¥à¤° शिषà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज उनके अधूरे कारà¥à¤¯ को पूरà¥à¤£ कर संत समाज की सेवा कर रहे हैं और जयराम आशà¥à¤°à¤® संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं का à¤à¤²à¥€-à¤à¤¾à¤‚ति संचालन कर विसà¥à¤¤à¤¾à¤° कर रहे हैं। कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· गणेश गोदियाल ने कहा कि संत महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ ने अनादि काल से समाज को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ रूपी शिकà¥à¤·à¤¾ देकर अंधकार से पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ की ओर उजà¥à¤œà¤µà¤² किया है और महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की संगत में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के उतà¥à¤¤à¤® चरितà¥à¤° का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ होता है। पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ देवेंदà¥à¤° सà¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज जैसे महान संतो के माधà¥à¤¯à¤® से ही राषà¥à¤Ÿà¥à¤° में à¤à¤•à¤¤à¤¾ और अखंडता कायम है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सदैव à¤à¤¾à¤µà¥€ पीà¥à¥€ को संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤µà¤¾à¤¨ बनाकर धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤£ के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया। निरà¥à¤®à¤² पीठाधीशà¥à¤µà¤° शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¦à¥‡à¤µ सिंह महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निरà¥à¤®à¤² जल के समान होता है अपनी कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤¶à¤²à¤¤à¤¾ और सादगी à¤à¤°à¥‡ जीवन के साथ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ देवेंदà¥à¤° सà¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को à¤à¤•à¤¤à¤¾ के सूतà¥à¤° में पिरोया और यà¥à¤µà¤¾ पीà¥à¥€ के लिठशिकà¥à¤·à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अनेकों सà¥à¤•à¥‚ल कॉलेज की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की। उनके मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ से ही आज हजारों की संखà¥à¤¯à¤¾ में बालक बालिकाà¤à¤‚ उचà¥à¤š कोटि की शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर रहे हैं। à¤à¤¸à¥€ दूरगामी दृषà¥à¤Ÿà¤¿ रखने वाले संत महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की आज देश को अति आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। जो देश को उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ की ओर अगà¥à¤°à¤¸à¤° करें। आम आदमी पारà¥à¤Ÿà¥€ के वरिषà¥à¤ नेता करà¥à¤¨à¤² अजय कोठियाल ने बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ देवेंदà¥à¤° सà¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¸à¥à¤®à¤¨ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि शिकà¥à¤·à¤¾ और सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में उनके अà¤à¥‚तपूरà¥à¤µ योगदान को सदैव सà¥à¤®à¤°à¤£ किया जाà¤à¤—ा। शà¥à¤°à¥€ जयराम पीठाधीशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ संतजनों व अतिथीयों का आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥‚देव संत समाज के पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ सà¥à¤°à¥‡à¤¾à¤¤ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ देवेंदà¥à¤° सà¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ के विचार और कृतितà¥à¤µ सदैव समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करते रहेंगे। पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥‚देव के दिखाठमारà¥à¤— का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करते हà¥à¤ संत समाज के आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ व सहयोग से वे उनके अधूरे कारà¥à¤¯à¥‹ को आगे बà¥à¤¾ रहे हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि गà¥à¤°à¥‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सचà¥à¤šà¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ व विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ ही शिषà¥à¤¯ के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ करती है। सà¤à¥€ को गà¥à¤°à¥‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दी गयी शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करते समाज व राषà¥à¤Ÿà¥à¤° कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ में योगदान करना चाहिà¤à¥¤ पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ हरीश रावत à¤à¤µà¤‚ अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त नरेंदà¥à¤° गिरी महाराज ने पतà¥à¤° के माधà¥à¤¯à¤® से बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ देवेंद सà¥à¤µà¤°à¥‚प को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि देते हà¥à¤ समाज व देश कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ में उनके योगदान की सराहना की। इस अवसर पर म.म.सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚द सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, बाबा हठयोगी, पूरà¥à¤µ पालिका अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सतपाल बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€, महंत देवानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, महंत जसविंदर सिंह, महंत दामोदर दास, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त साधनानंद, म.म.सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ललितानंद गिरी, म.म.सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रूपेंदà¥à¤° पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, महंत रघà¥à¤µà¥€à¤° दास, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त विषà¥à¤£à¥à¤¦à¤¾à¤¸, महंत जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤¨à¤‚द शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, महंत शिवशंकर गिरी, म.म.à¤à¤—वत सà¥à¤µà¤°à¥‚प महाराज, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¾à¤¨à¤‚द, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शाशà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द, महंत पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¦à¤¾à¤¸, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रविदेव शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सतà¥à¤¯à¤µà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द, निंरजन सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिहरानंद, म.म.सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिचेतनानंद आदि सहित बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में संत महापà¥à¤°à¥‚ष व गणमानà¥à¤¯ लोग मौजूद रहे। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के दौरान परीकà¥à¤·à¤¾à¤“ं में उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ करने वाली छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं को उपहार à¤à¥‡à¤‚टकर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया।