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एस.एम.जे.एन. में श्रीमहन्त नरेन्द्र गिरि महाराज के आकस्मिक निधन पर श्रद्धाजंली


एस.एम.जे.एन. काॅलेज प्रबन्ध समिति के वरिष्ठ सदस्य व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहन्त नरेन्द्र गिरि महाराज के आकस्मिक निधन पर श्रद्धाजंली देने हेतु काॅलेज में आज श्रद्धाजंली सभा का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार 21 सितम्बर, 2021 । एस.एम.जे.एन. काॅलेज प्रबन्ध समिति के वरिष्ठ सदस्य व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहन्त नरेन्द्र गिरि महाराज के आकस्मिक निधन पर श्रद्धाजंली देने हेतु काॅलेज में आज श्रद्धाजंली सभा का आयोजन किया गया। सभा में सर्वप्रथम ब्रह्मलीन श्रीमहन्त नरेन्द्र गिरि को महाविद्यालय परिवार द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। ब्रह्मलीन श्रीमहन्त को श्रद्धाजंली अर्पित करते हुए काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि ब्रह्मलीन पूज्य श्रीमहन्त नरेन्द्र गिरि जी महाराज एक सच्चे एवं दिव्य संत थे। पूज्य श्रीमहन्त के देवलोकगमन की दुःखद सूचना कल समाचार चैनलों के माध्यम से मिली। सनातन धर्म के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले पूज्य श्रीमहन्त द्वारा समाज के कल्याण में दिये गये उनके योगदान को सदैव याद किया जायेगा। मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने अपनी श्रद्धाजंली अर्पित करते हुए कहा कि श्रीमहन्त नरेन्द्र गिरि जी महाराज ने जनपद के सबसे प्राचीन महाविद्यालय को अग्रणी बनाने हेतु अथक प्रयास किया। मुख्य अनुशासन अधिकारी डाॅ. सरस्वती पाठक ने दुख वयक्त करते हुए कहा कि ईश्वर पूज्य श्रीमहन्त को अपने श्रीचरणों में स्थान दे व उनके अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करे। श्रद्धाजंली सभा में ब्रह्मलीन नरेन्द्र गिरि जी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से डाॅ. मन मोहन गुप्ता, डाॅ. सरस्वती पाठक, डाॅ. तेजवीर सिंह तोमर, विनय थपलियाल, श्रीमती रिकंल गोयल, डाॅ. विनीता चौहान, श्रीमती रिचा मिनोचा, डाॅ. निविन्धया शर्मा, डाॅ. शिव कुमार चौहान, डाॅ. अमिता श्रीवास्तव, डाॅ. मनोज कुमार सोही, डाॅ. पदमावती तनेजा, डॉ विजय शर्मा, वैभव बत्रा, विनीत सक्सेना, प्रिंस श्रोत्रिय, मोहन चन्द्र पाण्डेय, वेद प्रकाश चौहान, अश्वनी कुमार जगता, होशियार सिंह चौहान, अशोक चौहान सहित काॅलेज के अनेक शिक्षको व कर्मचारियों ने अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की। अंत में दो मिनट को मौन धारण किया गया।

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