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गंगा बचेगी तभी देश, किसान और धर्म बचेगा, मातृ सदन समर्थन में प्रधानमंत्री को पत्र


कारपोरेट सरकार ने कृषि कानून बनाकर रोटी मैं ताले लगा दिए हैं और जल पर भी कब्जा हो रहा हैं कहा कि मातृ सदन की मांग है कि सरकार प्रधानमंत्री के निर्देश पर जल शक्ति मंत्री द्वारा दिए लिखित वादों को पूरा करें और आश्रम पर हुए अनेक अत्याचारों पर जांच बिठाई जाए गंगा के पत्थरों का अवैध खनन करके गंगा को 20 से 30 फीट नीचे गहरा कर दिया है |

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत व अन्य नेताओं ने मां गंगा की स्वच्छता एवं अविरलता के लिए मातृ सदन के संत आत्मबोधानंद के 43 दिन से चल रहे अनशन को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है पत्र में उन्होंने कहां है कि पूर्व में भी वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर जीडी अग्रवाल / स्वामी सानंद कि वर्ष 2018 में एवं वर्ष 2011 में स्वामी निगमानंद के अनशन के उपरांत संदिग्ध मृत्यु हो चुकी है| उन्होंने बताया कि मां गंगा भारत की अस्मिता मां है व भारत के किसानों का जीवन है, जल के बिना भोजन नहीं हैं| आज कारपोरेट सरकार ने कृषि कानून बनाकर रोटी मैं ताले लगा दिए हैं और जल पर भी कब्जा हो रहा हैं कहा कि मातृ सदन की मांग है कि सरकार प्रधानमंत्री के निर्देश पर जल शक्ति मंत्री द्वारा दिए लिखित वादों को पूरा करें और आश्रम पर हुए अनेक अत्याचारों पर जांच बिठाई जाए गंगा के पत्थरों का अवैध खनन करके गंगा को 20 से 30 फीट नीचे गहरा कर दिया है जिससे जल स्तर नीचे चला गया है कृषि और किसान बर्बाद हो रहे हैं| कारपोरेट घरानों की वजह से डैम में पानी रुकने लगा है जिससे बनारस की गंगा में काई जमने लगी है पानी रुकने से टिहरी डैम का जल प्रदूषित हो रहा है उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी मातृ सदन द्वारा चलाये जा रहे अनशन को संज्ञान लिया है और हरिद्वार के जिला न्यायाधीश द्वारा जांच बैठा दी है| जिसमें दो मांगे पूरी हो गई है उन्होंने कहा कि मातृ सदन की अन्य मांगे उत्तराखंड सरकार एवं प्रधानमंत्री के स्तर की हैं| जिसमें गंगा की निर्मलता और अविरलता मुख्य है गंगा को अविरल और निर्मल करने से ही गंगा बचेगी तभी देश, किसान और धर्म बचेगा उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय किसान यूनियन ब्रह्मचारी आत्मबोधानन्द के अनशन का समर्थन करता है और सरकार से आशा करता है कि उन से तुरंत वार्ता कर मांगों को पूरा करते हुए अनशन को सम्मान पूर्वक समाप्त करवाया जाए| किसान नेता राकेश टिकैत, महेंद्र यादव, मेघा पाटकर, डॉक्टर सुशीला ने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं|

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