उगते हà¥à¤ सूरà¥à¤¯ को अरà¥à¤˜à¥à¤¯ देने के साथ ही छठपरà¥à¤µ का समापन हो गया। लगातार 36 घंटे से निरà¥à¤œà¤²à¤¾ रहकर वà¥à¤°à¤¤ धारण करने वाली वà¥à¤°à¤¤à¥€ महिलाओं ने जल गà¥à¤°à¤¹à¤£ कर अपने वà¥à¤°à¤¤ का पारण किया और अपने परिवार की स कà¥à¤¶à¤²à¤¤à¤¾ के लिठà¤à¤—वान दिनकर नाथ से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। तीरà¥à¤¥ नगरी हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के समसà¥à¤¤ गंगा घाटों पर उतà¥à¤¸à¤µ का माहौल बना रहा। छठपरà¥à¤µ की छठा को देखने के लिठघाटों पर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की à¤à¥€à¤¡à¤¼ उमड़ी रही।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ उगते हà¥à¤ सूरà¥à¤¯ को अरà¥à¤˜à¥à¤¯ देने के साथ ही छठपरà¥à¤µ का समापन हो गया। लगातार 36 घंटे से निरà¥à¤œà¤²à¤¾ रहकर वà¥à¤°à¤¤ धारण करने वाली वà¥à¤°à¤¤à¥€ महिलाओं ने जल गà¥à¤°à¤¹à¤£ कर अपने वà¥à¤°à¤¤ का पारण किया और अपने परिवार की स कà¥à¤¶à¤²à¤¤à¤¾ के लिठà¤à¤—वान दिनकर नाथ से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। तीरà¥à¤¥ नगरी हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के समसà¥à¤¤ गंगा घाटों पर उतà¥à¤¸à¤µ का माहौल बना रहा। छठपरà¥à¤µ की छठा को देखने के लिठघाटों पर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की à¤à¥€à¤¡à¤¼ उमड़ी रही। तीरà¥à¤¥ नगरी हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में वरà¥à¤· à¤à¤° धारà¥à¤®à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ का आयोजन होता रहता है। उनमें छठपरà¥à¤µ की छटा निराली होती है गंगा घाटों पर उतà¥à¤¸à¤µ का माहौल होता है। पà¥à¤°à¤¬à¤¿à¤¯à¤¾ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में रंगी धरà¥à¤® नगरी का à¤à¤• अलग ही सà¥à¤µà¤°à¥‚प देखने को मिलता है। हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में रहने वाले पूरà¥à¤µà¤¾à¤‚चल à¤à¤µà¤‚ बिहार के लोगों ने लोक आसà¥à¤¥à¤¾ à¤à¤µà¤‚ सूरà¥à¤¯ आराधना का परà¥à¤µ छठपरà¥à¤µ पूरी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ à¤à¤µà¤‚ उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ मनाया। पंचपà¥à¤°à¥€ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, कनखल, जà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¾à¤ªà¥à¤°, बहादराबाद के समसà¥à¤¤ घाटों पर छठपरà¥à¤µ के शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की à¤à¥€à¤¡à¤¼ उमड़ी रही। ‌à¤à¤—वान सूरà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ के उदय होने के पूरà¥à¤µ ही सà¤à¥€ छठवà¥à¤°à¤¤à¥€ महिलाà¤à¤‚ गंगा घाटों पर à¤à¤•à¤¤à¥à¤° होकर और गंगाजल में खड़े होकर à¤à¤—वान सूरà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ के उदय होने का इंतजार किया। जैसे ही सूरà¥à¤¯ नारायण के दरà¥à¤¶à¤¨ हà¥à¤ उनको अरà¥à¤˜à¥à¤¯ देकर अपने वà¥à¤°à¤¤ का पारण किया। इस दौरान गंगा घाटों पर उतà¥à¤¸à¤µ का नजारा देखने को मिला। ‌ छठी मैया के गीत सà¥à¤¨à¤•à¤° शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥‚ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µ से विà¤à¥‹à¤° हो गà¤à¥¤ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° की पावन à¤à¥‚मि पूरà¥à¤µà¤¾à¤‚चल संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से सारोंबार हो गई। चारो और छठकी छटा निखरी रही। छठी मैया के गीतों से वातावरण à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¯ हो गया। पूरà¥à¤µà¤¾à¤‚चल उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ संसà¥à¤¥à¤¾ के कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥€ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· आशà¥à¤¤à¥‹à¤· पांडेय, शशि à¤à¥‚षण पांडे, डा नारायण पंडित, डॉ निरंजन मिशà¥à¤°à¤¾, डा à¤à¤¸à¤•à¥‡ à¤à¤¾, पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ सà¥à¤®à¤¨ à¤à¤¾, आचारà¥à¤¯ सागर à¤à¤¾, पंडित ऊधव मिशà¥à¤°, पंडित विनय मिशà¥à¤°à¤¾, पंडित à¤à¥‹à¤—ेदà¥à¤° à¤à¤¾, नरेश à¤à¤¾, अनिल à¤à¤¾, à¤à¤—वान à¤à¤¾, रणजीत à¤à¤¾ संतोष à¤à¤¾, विनोद कà¥à¤®à¤¾à¤° तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी, मनोज शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾, मदनेश मिशà¥à¤°à¤¾, मनोज मिशà¥à¤°à¤¾, शंकर à¤à¤¾, दिलीप कà¥à¤®à¤¾à¤° à¤à¤¾, अवधेश à¤à¤¾, सहित अनà¥à¤¯ लोगों ने छठपरà¥à¤µ की विशेष तैयारियां की। ‌