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जे.पी. नड्डा ने चमोली जिले के सैनिक बाहुल्य गांव सवाड़ से ‘‘शहीद सम्मान यात्रा’’ का शुभारंभ किया।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने सोमवार को चमोली जिले के सैनिक बाहुल्य गांव सवाड़ से ‘‘शहीद सम्मान यात्रा’’ का शुभारंभ किया। इसके साथ ही पूरे गढ़वाल मंडल में शहीद सम्मान यात्रा का आगाज हो गया है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

चमोली 15 नवंबर,2021, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने सोमवार को चमोली जिले के सैनिक बाहुल्य गांव सवाड़ से ‘‘शहीद सम्मान यात्रा’’ का शुभारंभ किया। इसके साथ ही पूरे गढ़वाल मंडल में शहीद सम्मान यात्रा का आगाज हो गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सवाड़ गांव में शहीद स्माकर पर माल्यापर्ण एवं श्रद्वांजलि अर्पित करते हुए शहीदों के बलिदान को नमन किया और शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन भी रखा। शहीद सम्मान कार्यक्रम के दौरान शहीदों के परिजनों को सम्मनित भी किया। इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष/विधायक श्री मदन कौशिक, विधायक श्री महेन्द्र भट्ट, विधायक श्रीमती मुन्नी देवी शाह, जिला अध्यक्ष रघुवीर बिष्ट आदि मौजूद रहे। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे सवाड़ की वीरों की इस धरती को नमन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। प्रथम विश्वयुद्ध हो, द्वितीय विश्व युद्ध हो, पेशावर कांड हो, देश की आजादी की लड़ाई हो या आजादी के बाद के युद्ध हों। इस धरती के वीरों ने अग्रिम पंक्ति में रहकर अपना कौशल दिखाया है और अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया है। आज भी इस घाटी के नौजवानों से पूछा जाए कि आप जीवन में क्या करना चाहते हो तो उनका जवाब सेना में जाकर भारत माता की सेवा करना होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये वीरों की वीरता ही है जो ये सुनिश्चित करती है कि कोई भी राष्ट्र शान्तिपूर्वक अपनी उन्नति के मार्ग में अग्रसर हो। ये हमारे देश के लिए गौरव की बात है कि हमारे देश के वीर सैनिकों ने आजादी के बाद हुये हर संघर्ष में अप्रतिम शौर्य का परिचय दिया। चाहे वो 1962 का भारत-चीन युद्ध हो, चाहे 1965 व 1971 का पाकिस्तान के साथ युद्ध हो, चाहे विपरीत परिस्थितियों में कारगिल की चोटियों में लड़ा गया युद्ध हो या 2016 और 2019 में सर्जिकल स्ट्राइक द्वारा पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों का खात्मा करना हो। हर जगह सेना के वीर जवानों ने ये दिखा दिया कि भारत पर आक्रमण करना तो बहुत दूर की बात है, कोई आंख भी उठायेगा तो भारतीय सेना उसको नेस्तोनाबूत कर देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सेना का मूल रूप से एक ही घोषवाक्य रहा है ’’राष्ट्र प्रथम’’ और इसके लिए जवान अपना सर्वस्व अर्पित करने को हमेशा तैयार रहते हैं। उत्तराखंड की देवभूमि ने लाखों वीर सैनिक इस देश को दिये हैं, जिन्होंने अपने अदम्य साहस से दिखा दिया कि देवभूमि ना केवल समस्त विश्व को शान्ति का मार्ग दिखा सकती है, वरन शौर्य और वीरता को भी प्रदर्शित कर सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिक का पुत्र होने के नाते मेरे के लिए ये गर्व का विषय है कि मैं आप सबके समक्ष वीर सैनिकों को समर्पित इस कार्यक्रम में उपस्थित हूं। मैंने सैनिक की वीरता तो बाल्यकाल से देखी ही है, उनके परिजनों का संघर्ष भी देखा है।

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