अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ बाल दिवस के अवसर पर ऋषिकेश शहर के चार समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ काले की à¥à¤¾à¤², चनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° नगर, मायाकà¥à¤£à¥à¤¡ और गोविनà¥à¤¦ नगर के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने परमारà¥à¤¥ निकेेतन में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और जीवा की अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महासचिव à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी से à¤à¥‡à¤‚ट कर आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लिया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी और साधà¥à¤µà¥€ जी के पावन सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने वाटर बà¥à¤²à¥‡à¤¸à¤¿à¤‚ग सेरेमनी कर जल संरकà¥à¤·à¤£ और पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संसाधनों के बेहतर उपयोग का संकलà¥à¤ª लिया ताकि आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¤• बेहतर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया जा सके।
रिपोर्ट - आल नà¥à¤¯à¥‚ज़ à¤à¤¾à¤°à¤¤
ऋषिकेश, 20 नवमà¥à¤¬à¤°à¥¤ आज अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ बाल दिवस के अवसर पर ऋषिकेश शहर के चार समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ काले की à¥à¤¾à¤², चनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° नगर, मायाकà¥à¤£à¥à¤¡ और गोविनà¥à¤¦ नगर के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने परमारà¥à¤¥ निकेेतन में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और जीवा की अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महासचिव à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी से à¤à¥‡à¤‚ट कर आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लिया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी और साधà¥à¤µà¥€ जी के पावन सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने वाटर बà¥à¤²à¥‡à¤¸à¤¿à¤‚ग सेरेमनी कर जल संरकà¥à¤·à¤£ और पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संसाधनों के बेहतर उपयोग का संकलà¥à¤ª लिया ताकि आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¤• बेहतर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया जा सके। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि हम जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ बनाना चाहते है वैसी ही सोच, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और संसà¥à¤•à¤¾à¤° हमें बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में रोपित करना होगा। अगर हम à¤à¤• सà¥à¤µà¤šà¥à¤›, सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤, शानà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥‚रà¥à¤£ और बेहतर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ चाहते है तो हमें ़आज से ही उसके लिये पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करना होगा। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• बचà¥à¤šà¥‡ को सà¥à¤µà¤šà¥à¤›, सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ तथा नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ वातावरण उपलबà¥à¤§ हो सके इसके लिये समाज के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करना होगा। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को ‘गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤£ शिकà¥à¤·à¤¾, उचित पोषण, सà¥à¤µà¤šà¥à¤› और शà¥à¤¦à¥à¤§ वातावरण, बेहतर सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं के साथ उनका सरà¥à¤µà¤¾à¤‚गीण विकास करना नितांत आवशà¥à¤¯à¤• है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि आज की पीà¥à¥€ को अपनी शिकà¥à¤·à¤¾ और सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के साथ-साथ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के विषय में à¤à¥€ जागरूक होना होगा। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विकास के साथ-साथ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• विकास à¤à¥€ अति आवशà¥à¤¯à¤• है। परमारà¥à¤¥ निकेतन में जीवन कौशल पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ के माधà¥à¤¯à¤® से इन बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को उनके शारीरिक विकास के बारे में जानकारी देने के साथ मानसिक और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• विकास हेतॠपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¹ शिविरों का आयोजन किया जा रहा है जिसके माधà¥à¤¯à¤® से उन बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के साथ अपने समà¥à¤¦à¤¾à¤¯, समाज और समषà¥à¤Ÿà¤¿ में कैसे सकारातà¥à¤®à¤• परिवरà¥à¤¤à¤¨ ला सकते हैं इस हेतॠपà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ किया जा रहा है। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को जीवन कौशल पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के साथ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ और जीवन मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¥€ दिया जा रहा हैं। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आपसी à¤à¤•à¤¤à¤¾ को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡, अपने जल सà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूक होने और जीवन शैली में सà¥à¤§à¤¾à¤° के लिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ किया जा रहा है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि हम पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के शोषक नहीं पोषक बनें, हमें अपने जीवन और अपनी आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ और समृदà¥à¤§ बनाने के लिये वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£, वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ का संवरà¥à¤¦à¥à¤§à¤¨ और संरकà¥à¤·à¤£ बहà¥à¤¤ जरूरी है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जब पृथà¥à¤µà¥€ पर पेड़ होंगे; पेड़ होंगे तो पानी होगा और पानी होगा तो ही जीवन होगा। पेड़ है तो पानी है, पानी है तो जीवन है और जीवन हैं तो दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤ है इसलिये मिलकर अपनी धरती माता की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिये कारà¥à¤¯ करें। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨à¥à¤¤à¤¾ और समृदà¥à¤§à¤¿ हेतॠसंकलà¥à¤ª कराया।