यहां जिंदगी सहमी हà¥à¤ˆ है मकानों के कमरों में कैद है। बेसमेंट बचाव का सहारा बने है। खाने-पीने का संकट ने à¤à¥€ चिंता को ओर जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बड़ा कर दिया है। रोमानिया बारà¥à¤¡à¤° देश लौटने की उमà¥à¤®à¥€à¤¦ की à¤à¤• किरण है। इसी के साथ अब छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने लकà¥à¤·à¥à¤¯ रोमानिया बनाया है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ के हालत à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ है। यहां जिंदगी सहमी हà¥à¤ˆ है मकानों के कमरों में कैद है। बेसमेंट बचाव का सहारा बने है। खाने-पीने का संकट ने à¤à¥€ चिंता को ओर जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बड़ा कर दिया है। रोमानिया बारà¥à¤¡à¤° देश लौटने की उमà¥à¤®à¥€à¤¦ की à¤à¤• किरण है। इसी के साथ अब छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने लकà¥à¤·à¥à¤¯ रोमानिया बनाया है। तेजी के साथ बारà¥à¤¡à¤° की ओर बढ़ते ही जा रहे है। कà¥à¤› छातà¥à¤° वहां पहà¥à¤‚च à¤à¥€ गठहै। यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ में फंसे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं की हालत बहà¥à¤¤ खराब है। खाने-पीने का संकट गहरा गया। सरà¥à¤¦à¥€ से à¤à¥€ छातà¥à¤° कमजोरी महसूस कर रहे है। बागपत में à¤à¤¸à¥€à¤à¤®à¤“ डा. गजेंदà¥à¤° सिंह के पà¥à¤¤à¥à¤° मनीष सिंह रोमानिया बारà¥à¤¡à¤° पर पहà¥à¤‚च गठहै। यहां हमले से à¤à¥€ बà¥à¤°à¥‡ हालत है। किसी को à¤à¥€ बोरà¥à¤¡à¤° से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। खà¥à¤²à¥‡ आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर है। दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के खानी-पीने की यहां कोई वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ नहीं है। सरà¥à¤¦à¥€ से बचाव के लिठटीनशेड à¤à¥€ नहीं है। माइनस से à¤à¥€ कम वाली ठंड में छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने रात काटी है। वहीं बड़ागांव निवासी छातà¥à¤°à¤¾ निहारिका तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी अपनी दोसà¥à¤¤ आशा तोमर बड़ौत और अनà¥à¤¯ साथियों के साथ रोमानिया पहà¥à¤‚च गई। यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ रोमानिया बारà¥à¤¡à¤° पर फोटो लेते समय कà¥à¤› à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के मोबाइल सैनिकों ने तोड़ दिà¤à¥¤ रात में तापमान à¤à¤• से कम होने के कारण परेशानी उठानी पड़ी। खादà¥à¤¯ सामगà¥à¤°à¥€ की परेशानी à¤à¥€ बनती जा रही है। उधर, अनà¥à¤·à¥à¤•à¤¾ ढाका अपने साथियों के साथ यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ के ओडेसा शहर से रोमनिया के लिठटà¥à¤°à¥‡à¤¨ में सवार होकर रोमानिया की ओर बढ़ती जा रही है। टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में सवार छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने लकà¥à¤·à¥à¤¯ अब रोमानिया बनाया हà¥à¤† है।