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पतंजलि के प्रयासों से युवा वर्ग विकास की राह पर: श्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय


आज महेन्द्र नाथ पाण्डेय, केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री, भारत सरकार का पतंजलि योगपीठ में आगमन हुआ। पतंजलि पहुँचने पर स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण ने मंत्री को पुष्प गुच्छ भेंट कर व शॉल ओढ़ाकर जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर मंत्री महोदय ने कहा कि भारत में कई दशकों से बेरोजगारी एक बड़ी समस्या रही है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 02 जनवरी। आज महेन्द्र नाथ पाण्डेय, केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री, भारत सरकार का पतंजलि योगपीठ में आगमन हुआ। पतंजलि पहुँचने पर स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण ने मंत्री को पुष्प गुच्छ भेंट कर व शॉल ओढ़ाकर जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर मंत्री महोदय ने कहा कि भारत में कई दशकों से बेरोजगारी एक बड़ी समस्या रही है। पतंजलि ने देश के लाखों युवाओं को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्क्ष रूप से रोजगार प्रदान किया है। पतंजलि के विविध सेवा प्रकल्पों में रोजगार के साथ-साथ देश के किसानों को जैविक कृषि का प्रशिक्षण, पतंजलि ग्रामोद्योग के माध्यम से युवाओं में विविध कौशल विकास पतंजलि के अग्रणी प्रयास हैं, जो काफी सफल हुए हैं। पतंजलि के प्रयासों से देश का युवा वर्ग विकास की राह पर है। पतंजलि ने वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार कर जैविक कृषि की स्वीकार्यता पूरी दुनिया में स्थापित की है। उन्होंने कहा कि पतंजलि द्वारा प्रारंभ की गई योजनाओं से असंगठित क्षेत्रें मेें प्रयासरत युवा प्रतिभाओं को अपनी कला व कौशल विकसित करने का सुनहरा अवसर मिल रहा है। मंत्री ने पतंजलि अनुसंधान संस्थान का भ्रमण करते हुए कहा कि पतंजलि की अनुसंधानपरक गतिविधियाँ अत्यंत अभूतपूर्व हैं। प्राचीन शास्त्रों, पाण्डुलिपियों के संरक्षण से लेकर आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की पहचान तथा विभिन्न साध्य-असाध्य रोगों के उपचार हेतु औषधियों पर अनुसंधान समाज के लिए एक बड़ी सेवा है। इस अवसर पर स्वामी ने कहा कि पतंजलि का ध्येय सदैव सेवा का रहा है। शिक्षा, चिकित्सा, अनुसंधान, लघु उद्योग, जैविक कृषि आदि क्षेत्रें में पतंजलि की अनेकों योजनाएँ संचालित हैं। स्वामी ने कहा कि देश के युवाओं के कौशल विकास हेतु पतंजलि पूर्ण प्रतिबद्ध है। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गई योजना स्किल इण्डिया की सराहना करते हुए कहा कि इसके माध्यम से देश के करोड़ों लोगों को विभिन्न क्षेत्रें में कौशल प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि भारत की बड़ी आबादी कृषि या इससे जुड़े व्यवसाय पर निर्भर है किन्तु अधिक उत्पादन की होड़ में रसायनों का अधिक प्रयोग देश की उपजाऊ जमीन को बंजर बना रहा है। यही कारण है कि देश का अन्नदाता किसान दीन-हीन, पराश्रित, मजदूर बनकर रह गया है। कहीं खाद के नाम पर, कहीं दवाईयों के नाम पर तो कहीं कृषि संसाधनों व उपकरणों के नाम पर लाचार किसान को लूटा जा रहा है। आचार्य जी ने बताया कि किसानों की इन्हीं समस्याओं को लेकर पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट के तत्वावधान में एक परियोजना के तहत समय-समय पर जैविक कृषि प्रशिक्षण तथा सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर मंत्री ने पतंजलि अनुसंधान संस्थान स्थित पतंजलि औषधीय उद्यान में एक पौधा रोपित किया तथा जैविक कृषि प्रशिक्षण पर आधारित पुस्तिका ‘जैविक प्रशिक्षण पुस्तिका’ का विमोचन किया। मंत्री महोदय ने पतंजलि ग्रामोद्योग का भी भ्रमण किया।

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