तीन दिवसीय पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ शिविर का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ , जीवा की अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महासचिव डाॅ साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, डॉ. अखिलेश कà¥à¤®à¤¾à¤° मिशà¥à¤°à¤¾, नोडल अधिकारी, राजà¥à¤¯ परियोजना निदेशक, महिला अधिकारिता à¤à¤µà¤‚ बाल विकास विà¤à¤¾à¤—, मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• डा अरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ लाहिरी, अमित गोसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€, पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध निदेशक- विल à¤à¤‚ड सà¥à¤•à¤¿à¤² कà¥à¤°à¤¿à¤à¤¶à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ लिमिटेड और अनà¥à¤¯ विशिषà¥à¤Ÿ अतिथियों ने दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 12 मारà¥à¤šà¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन में महिला अधिकारिता à¤à¤µà¤‚ बाल विकास विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित तीन दिवसीय पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ शिविर का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ , जीवा की अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महासचिव डाॅ साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, डॉ. अखिलेश कà¥à¤®à¤¾à¤° मिशà¥à¤°à¤¾, नोडल अधिकारी, राजà¥à¤¯ परियोजना निदेशक, महिला अधिकारिता à¤à¤µà¤‚ बाल विकास विà¤à¤¾à¤—, मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• डा अरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ लाहिरी, अमित गोसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€, पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध निदेशक- विल à¤à¤‚ड सà¥à¤•à¤¿à¤² कà¥à¤°à¤¿à¤à¤¶à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ लिमिटेड और अनà¥à¤¯ विशिषà¥à¤Ÿ अतिथियों ने दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने वन सà¥à¤Ÿà¤¾à¤ª सेंटर की महिलाओं को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि बेटियों की शिकà¥à¤·à¤¾ को सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ कर उनकी कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾à¤“ं को पूरà¥à¤£ रूप से विकसित कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सशकà¥à¤¤ बनाना अतà¥à¤¯à¤‚त आवशà¥à¤¯à¤• है तà¤à¥€ उनके साथ हो रही हिंसा को रोका जा सकता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागà¥à¤°à¤¤ करना और उनकी कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर सशकà¥à¤¤ बनाना जरूरी है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि महिला हेलà¥à¤ªà¤²à¤¾à¤‡à¤¨ मजबूत करने के साथ सà¤à¥€ को अपनी हारà¥à¤Ÿ लाइन à¤à¥€ मजबूत करना होगा तà¤à¥€ सशकà¥à¤¤ नारी-सशकà¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया जा सकता है। साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• समठविकसित करने, सà¥à¤µà¤¯à¤‚ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के साथ-साथ दूसरों की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को समà¤à¤¨à¥‡ व उसके पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन के विषय में जानकारी पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रूप से मजबूत वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपने निजी संबंधों को सदैव सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ à¤à¤µà¤‚ मजबूत रख पाता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन ही निजी संबंधों को मजबूत बनाये रखने की पà¥à¤°à¤¥à¤® सीà¥à¥€ है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में तनाव का सà¥à¤¤à¤° काफी अधिक हो रहा है इसलिये आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• गतिविधियों से जà¥à¥œà¤¨à¤¾ अतà¥à¤¯à¤‚त आवशà¥à¤¯à¤• है। डॉ. अखिलेश कà¥à¤®à¤¾à¤° मिशà¥à¤°à¤¾, नोडल अधिकारी, राजà¥à¤¯ परियोजना निदेशक, ने कहा कि परमारà¥à¤¥ निकेतन में आयोजित इस तीन दिवसीय पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ सतà¥à¤° में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ जिलों के वन सà¥à¤Ÿà¤¾à¤ª सेनà¥à¤Ÿà¤° में कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ महिलायें अपनी दिन à¤à¤° की गतिविधियों में मारपीट, घरेलू हिंसा और उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ की शिकार महिलाओं की परेशानियों को हल करने का कारà¥à¤¯ करती है जिसके कारण उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ तनाव का सामना करना पड़ता है। परमारà¥à¤¥ निकेतन के दिवà¥à¤¯ वातावरण में रहकर, यहां की आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• गतिविधियों में सहà¤à¤¾à¤— कर à¤à¤• दिवà¥à¤¯ ऊरà¥à¤œà¤¾ को लेकर जाये। यह सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को ऊरà¥à¤œà¤¾à¤µà¤¾à¤¨ बनाने का à¤à¤• दिवà¥à¤¯ अवसर है।