परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ और केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ कृषि और किसान कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ राजà¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ कैलाश चौधरी की दिलà¥à¤²à¥€ में à¤à¥‡à¤‚टवारà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¤ˆà¥¤ इस अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण निवारण योजना, पलायन निवारण योजना, गà¥à¤°à¤¾à¤® विकास, उनà¥à¤¨à¤¤ किसà¥à¤® के बीज, उनà¥à¤¨à¤¤ किसà¥à¤® की पौधे उपलबà¥à¤§ करवाने के साथ ही उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में बागवानी और फूलों की खेती, जड़ी-बूटी आदि की कृषि करने हेतॠपà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करने वाली योजनायें बनाने तथा बोने से बिकने तक की यातà¥à¤°à¤¾ हेतॠविशेष चरà¥à¤šà¤¾ की।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 26 अगसà¥à¤¤à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ और केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ कृषि और किसान कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ राजà¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ कैलाश चौधरी की दिलà¥à¤²à¥€ में à¤à¥‡à¤‚टवारà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¤ˆà¥¤ इस अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण निवारण योजना, पलायन निवारण योजना, गà¥à¤°à¤¾à¤® विकास, उनà¥à¤¨à¤¤ किसà¥à¤® के बीज, उनà¥à¤¨à¤¤ किसà¥à¤® की पौधे उपलबà¥à¤§ करवाने के साथ ही उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में बागवानी और फूलों की खेती, जड़ी-बूटी आदि की कृषि करने हेतॠपà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करने वाली योजनायें बनाने तथा बोने से बिकने तक की यातà¥à¤°à¤¾ हेतॠविशेष चरà¥à¤šà¤¾ की। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने माननीय मंतà¥à¤°à¥€ से कहा कि आपके सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के किसानों हेतॠà¤à¤• समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ का आयोजन किये जाने की जरूरत है ताकि उनà¥à¤¨à¤¤ कृषि को विकसित कर उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड से हो रहे पलायन को रोका जा सके। इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में माननीय मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड पà¥à¤·à¥à¤•à¤° सिंह धामी जी और कृषि मंतà¥à¤°à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड à¤à¥€ सकà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ और गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से कारà¥à¤¯ कर रहे हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने सà¤à¥€ का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि जिसके पास जो à¤à¥€ सामथà¥à¤°à¥à¤¯ और अनà¥à¤à¤µ उसके साथ आगे आयें और हम सà¤à¥€ मिलकर कारà¥à¤¯ करे तो पलायन और पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण जैसी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को रोका जा सकता हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने कहा कि हमें इस बात को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखना होगा कि अब तक परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को जो कà¥à¤·à¤¤à¤¿ हो चà¥à¤•à¥€ वह तो अपरिवरà¥à¤¤à¤¨à¥€à¤¯ है, परनà¥à¤¤à¥ अब हमें हर सà¥à¤¤à¤° पर कारà¥à¤¬à¤¨ उतà¥à¤¸à¤°à¥à¤œà¤¨ में कटौती करने की नितांत आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ कृषि पर निरà¥à¤à¤° अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ वाल राषà¥à¤Ÿà¥à¤° इसलिये जरूरी है कि हम कृषि की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त तकनीक के साथ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ सहयोगी योजनाओं का सृजन करे। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड से हो रहे पलयान पर चिंता वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि अब कृषि के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में और अधिक आकरà¥à¤·à¤• आय सहायता योजनाओं को विकसित करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है ताकि लगत कम हो और उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤•à¤¤à¤¾ अधिक हो। साथ ही जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨ के कारण उचà¥à¤š तापमान की चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ का सामना करने वाली पैदावार के विषय में à¤à¥€ नये सिरे से विचार करने की नितांत आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है।