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कोरोना टेस्ट हुए बिना हरिद्वार महिला अस्पताल ने गर्भवती महिला को वापस कर दिया।


डिलीवरी के लिए बुलाया गया था। 22 को ज्यादा भीड होने के कारण उसे 23 अप्रैल को बुलाया गया और जब महिला 23 को अस्पताल पहुंची तो उसे पहले कोरोना टेस्ट कराने के​ लिए बोल दिया गया। यही नही महिला को टेस्ट के लिए ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज भेज दिया गया, जहां इस तरह के टेस्ट की कोई सुविधा भी नहीं है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

जबकि महिला को 22 अप्रैल को डिलीवरी के लिए बुलाया गया था। 22 को ज्यादा भीड होने के कारण उसे 23 अप्रैल को बुलाया गया और जब महिला 23 को अस्पताल पहुंची तो उसे पहले कोरोना टेस्ट कराने के​ लिए बोल दिया गया। यही नही महिला को टेस्ट के लिए ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज भेज दिया गया, जहां इस तरह के टेस्ट की कोई सुविधा भी नहीं है। ऐसा इसलिए कि आईसीएमआर से डिलीवरी को लेकर नया आदेश आया है। इसी आदेश का हवाला लेकर गर्भवती महिला को भर्ती करने से मना किया गया। हालांकि आईसीएमआर के आदेश में साफ है कि ये केवल कंटेनमेंट या हॉट स्पॉट जनपदों में रहने वाले प्रवासी लोगों के लिए है, वो भी तब जब डिलीवरी डेट में कम से कम पांच दिन का समय हो। ज्वालापुर के घोसियाल मोहल्ले के रहने वाले परवेज ने बताया ​कि उसकी पत्नी नौ माह की गर्भवती है और उसे 22 अप्रैल को डिलीवरी डेट दी गई थी। 22 अप्रैल को वो अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचा तो ज्यादा भीड होने के कारण उसे 23 अप्रैल को आने के बोला गया। 23 अप्रैल की सुबह जब वो अस्पताल पहुंचा तो उसकी पत्नी को आॅपरेशन थियेटर में ले जाने की तैयारी हो चुकी थी लेकिन एन वक्त पर डॉक्टरों ने उसे पहले कोरोना टेस्ट कराने के लिए बोल दिया। परवेज ने बताया कि उसे साफ कहा गया कि बिना कोरोना टेस्ट हुए उसकी पत्नी को हाथ भी नहीं लगाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर उसे ऋषिकुल आइसोलेशन सेंटर में टेस्ट कराने के लिए भेज दिया गया। परवेज अपनी पत्नी सादिया को लेकर ऋषिकुल पहुंचा लेकिन वहां उसे अंदर नहीं जाने दिया क्योंकि वहां किसी की भी एंट्री बैन है और ना ही किसी बाहरी की टेस्टिंग की सुविधा है। इसके बाद उसके पास अपनी पत्नी को घर ले जाने के अलावा कोई चारा नहीं था। लेकिन बडा सवाल ये है कि अगर ऐसे में मां और बच्चे को कुछ हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा. महिला अस्पताल की सीएमएस डा. शिखा जंगपांगी ने बताया कि गर्भवती महिला का कोरोना टेस्ट संबंधी आदेश आईसीएमआर की ओर से मिला है। इस संबंध में डीजी हैल्थ को पत्र लिखा गया है। हम भी पसोपेश में हैं। हमें ये बताया गया कि ​ऋषिकुल में टेस्ट किया जा रहा है। इसलिए हमने महिला को वहा भेज दिया। वहीं सीएमओ डा. सरोज नैथानी ने बताया ​कि इस संबंध में आदेश मिला है और हमने व्यवस्था कर ली है। सैंपल कलेक्शन के लिए बूथ स्थापित कर दिया गया है। साथ ही आदेशानुसार ही काम करने के लिए कहा जा रहा है।

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