एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज में आज आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा टोक्यो ओलम्पिक 2020 में महिला मुक्केबाजी में कांस्य पदक धारक तथा अर्जुन अवार्ड से सम्मानित सुश्री लवलीना बोरगोहाईन के साथ क्षमता विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत ‘खेल एवं अनुशासन’ विषय पर एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिद्वार 06 अप्रैल , 2023 एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज में आज आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा टोक्यो ओलम्पिक 2020 में महिला मुक्केबाजी में कांस्य पदक धारक तथा अर्जुन अवार्ड से सम्मानित सुश्री लवलीना बोरगोहाईन के साथ क्षमता विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत ‘खेल एवं अनुशासन’ विषय पर एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए लवलीना बोरगोहाईन ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है और मैं किसी भी सफलता के पश्चात अवश्य ही इस देवभूमि में आना चाहती हूं और विशेषकर हरिद्वार तो साक्षात ईश्वर का घर है। उन्होंने छात्राओं को उत्साहित करते हुए कहा कि मानसिक मजबूती किसी भी खेल में आवश्यक है और इस दृढ़ निश्चय से ही मजबूत पंच बनता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में उन्होंने चाहे वह विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप रही हो या टोक्यो ओलम्पिक उन्होंने मानसिक मजबूती से ही सफलता प्राप्त की है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने लवलीना के कालेज में आने पर आभार व्यक्त किया । डॉ बत्रा ने कहा कि मुक्केबाजी के पंच की तुलना पांच गुणों से की, दृढ़ निश्चय, पक्का इरादा, दूर दृष्टि, आत्मविश्वास और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा तथा इन सभी गुणों का समावेश लवलीना में है। डॉ बत्रा ने कहा कि इन गुणों से मिलकर ही एक अच्छा खेलकूद व्यक्तित्व उत्पन्न होता है। उन्होंने हनुमान जी को बह्माम्ंड के पहले मुक्केबाज बताया । उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के सुन्दर कांड में इसका उल्लेख मिलता है। उन्होंने हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर हनुमान जी को शारीरिक और मानसिक मजबूती का प्रेरक बताया। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे हनुमान जी के चरित्र को अपने व्यक्तित्व में ढालें।