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क्षमता का विकास करने का सर्वोत्तम समय युवावस्था: डॉ पण्ड्या


गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में तीन दिवसीय युवा सम्मेलन का आज समापन हो गया। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से आये करीब पाँच सौ से अधिक युवाओं ने भागीदारी की। ये युवा डिवाइन इंडिया यूथ एसोसिशन (दिया) से जुड़े हैं। अधिकतर युवा सिविल सर्विसेस व अन्य प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुटे हैं।

रिपोर्ट  - 

गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में तीन दिवसीय युवा सम्मेलन का आज समापन हो गया। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से आये करीब पाँच सौ से अधिक युवाओं ने भागीदारी की। ये युवा डिवाइन इंडिया यूथ एसोसिशन (दिया) से जुड़े हैं। अधिकतर युवा सिविल सर्विसेस व अन्य प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुटे हैं। समापन सत्र को संबोधित करते हुए अखिल विश्व गायत्री परिवार डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि मनुष्य का जीवन दुर्लभ है और इसमें युवावस्था क्षमता का विकास करने का सर्वोत्तम समय है। इस अवस्था में जिस किसी भी दिशा में सफल होना चाहें, तो तदनुसार मनोयोगपूर्वक मेहनत व सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने पर इच्छित सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि स्वामी रामतीर्थ, स्वामी विवेकानंद, भगत सिंह, स्वामी दयानंद, पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य आदि ने युवावस्था में अपनी क्षमता का विकास किया और भारतीय संस्कृति के विस्तार के लिए कार्य किये। युवाओं को प्रतिभा संवर्धन के सूत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि पात्रता का विकास, नेतृत्व क्षमता का विकास, व्यक्तित्व परिष्कार तथा आंतरिक शक्ति का जागरण से मनुष्य महान बन सकता है। इसके बिना मनुष्य का पहचान एक साधारण व्यक्ति के रूप में ही होता है। इस अवसर पर श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि युवाओं को भौतिक संसाधन ही नहीं, आंतरिक शक्ति के जागरण के साथ सेवा भाव जगाने की दिशा में भी कार्य करना चाहिए। उन्होंने गायत्री परिवार के विकास में पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी कहानी का मार्मिक संस्मरण को याद करते हुए युवाओं को निःस्वार्थ भाव से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इससे पूर्व देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या, प्रज्ञा अभियान के संपादक श्री वीरेश्वर उपाध्याय, डॉ. ओपी शर्मा आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर एनसीआर के दिया ग्रुप संयोजक श्री मनीष कुमार सिंह, विनय पाण्डेय, ओंकार शर्मा, चंचल यादव आदि उपस्थित रहे। कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव युवाओं में आये इस हेतु देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में मिलिट्री साइंस पाठ्यक्रम के रूप में प्रारंभ करने का विचार किया जा रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के व्यक्तित्व और देश के प्रति समर्पण भाव को चर्चा करते हुए कहा कि युवाओं को अजित जी से राष्ट्र भाव की प्रेरणा लेनी चाहिए। जिन्होंने कई वर्षों तक पाकिस्तान में रहते हुएह भारतवर्ष के लिए कार्य किया। वहीं हाल में जम्मू कश्मीर से हटे अनुच्छेद ३७० व धारा ३५ए में उनकी भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण है।

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