’’वनाग्नि की रोकथाम एवं वनों की सुरक्षा हेतु जनपद टिहरी गढ़वाल क्षेत्रांतर्गत किसी भी व्यक्ति द्वारा कूड़ा व अन्य अपशिष्ट पदार्थों एवं कृषि भूमि में पराली जलाना पूर्णरूप से प्रतिबन्धित।’’
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
टिहरी/दिनांक 06 मई, 2024 ’’वनाग्नि की रोकथाम एवं वनों की सुरक्षा हेतु जनपद टिहरी गढ़वाल क्षेत्रांतर्गत किसी भी व्यक्ति द्वारा कूड़ा व अन्य अपशिष्ट पदार्थों एवं कृषि भूमि में पराली जलाना पूर्णरूप से प्रतिबन्धित।’’ जिला मजिस्ट्रेट, टिहरी गढ़वाल मयूर दीक्षित द्वारा जनपद टिहरी गढ़वाल क्षेत्रांतर्गत वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं एवं आगजनी से वन क्षेत्रों में जन-धन के साथ-साथ वन्य जीवों/वन सम्पदा एवं पशुचारा की भारी क्षति हो होने के फलस्वरूप समस्त जनपदवासियों को आदेश/नोटिस के माध्यम से सूचित/निर्देशित किया गया है कि यदि कोई भी व्यक्ति/संस्था/विभाग खुले में आगजनी करते हुए पाया जाता है अथवा किसी भी व्यक्ति/ संस्था एवं विभाग की लापरवाही एवं असुरक्षा के कारण कोई आगजनी होती है अथवा फैलती है, तो उसके विरूद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी, जिसके लिए वे स्वयं उत्तरदायी होंगे। जिला आपदा प्रबन्धन केन्द्र, नई टिहरी में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से जनसामान्य से उनके निकट वन क्षेत्रों में फैल रही भीषण वनाग्नि की सूचनाएं प्राप्त हो रही है। प्रथम दृष्टया वन क्षेत्रों में वनाग्नि का एक मुख्य कारण कृषि भूमि में खेतों की सफाई से उत्पन्न मलवा/ढेर (ऑड़ा) तथा वन क्षेत्र के निकट असुरक्षित ढंग से कूड़े को जलाया जाना एवं विभिन्न मार्गाे पर धूम्रपान सामग्री/अन्य ज्वलनशील सामग्री का अनुचित निस्तारण / लापरवाहीपूर्वक सड़क/वन क्षेत्र में फेंके जाने से इस प्रकार की घटनायें घटित हो रही है।