हरिद्वार गंगा में रात्री को जल समाधी देकर गये व्र्न्दावन वासियो से निकलवा कर शमशान घाट में अंतिम संस्कार को भेजा


रात्री के दौरान कुछ लोग एक एंबुलेंस जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर HR45D 9476 खड़ी थी ठोकर नम्बर 4-5 के बीच गंगा में किसी को जल समाधि दे रहे है उनकी अवाज सुन गंगा किनारे रह रहे कुछ संतों ने उन्हे मना किया।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

हरिद्वार दिनांक 15.05.2024 को रात्री के दौरान कुछ लोग एक एंबुलेंस जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर HR45D 9476 खड़ी थी ठोकर नम्बर 4-5 के बीच गंगा में किसी को जल समाधि दे रहे है उनकी अवाज सुन गंगा किनारे रह रहे कुछ संतों ने उन्हे मना किया लेकिन उनमें से किसी ने उनकी एक बात न मानी और गंगा में डेड़ बॉडी को डालकर चले गये जिसकी सूचना मुझे जिला गंगा संरक्षण समिति के सदस्य रामेष्वर गौड़ व पुलिस के 112 नम्बर पर दी गयी कोतवाल कुन्दन सिंह राणा ने तुरंत चेतक को भेज कर उनसे पूछताछ में ड्राइवर पवन पुत्र रमेश निवासी सरस्वती कुंड सराय आजमाबाद जयसिंहपुरा मथुरा बैठा था। जिसके द्वारा बताया गया कि तीन व्यक्ति 01- बिहारी पुत्र छोटेलाल निवासी वृंदावन मथुरा 02- दीपक पुत्र सत्य प्रकाश निवासी सरस्वती कुंड सराय एजामाबाद जयसिंहपुरा मथुरा 03- लक्ष्मी नारायण पुत्र रामलाल निवासी वृंदावन शक्ति विहार मथुरा व्यक्ति मेरी एंबुलेंस में एक बाबा को जल समाधि के लिए लेकर आए हैं जिनके द्वारा अभी थोड़ी देर पहले बाबा को नदी में जल समाधि दे दी है। डेड़ बॉडी को जल समाधि देने वाले लोगों को अवगत कराया कि गंगा में जल समाधि देना कानूनन अपराध अगर गंगा से षव को बाहर नहीं निकाला तो मु0 दर्ज किया जायेगा जिसके डर से उन्होंने षव को अंतिम संस्कार के लिए बाहर निकाल कर षमषान धाट खड़खड़ी को ले गये। रामेष्वर गौड़ ने बताया कि एनजीटी के अनुसार गंगा में जल समाधि देना कानून अपराध है उसके बावजूद भी लोग गंगा में रात्रि के समय जल समाधि देकर चले जाते है और गंगा पड़ी डेड़ बॉड़ियां सड़ती रहती हैं और जल को दूषित करती रहती हैं एसे में जिला प्रसाषन को जल समाधि स्थलों पर बोर्ड़ व निगरानी के लिए कैमरे लगाने की अवष्यकता है और अगर ऐसे लोग नहीं मांनें तो इनके खिलाफ तुरंत कानूनी कार्यवाही की जाय और नियम अनुसार 1 लाख का जुर्माना लगाया जाय उलंधन करने पर जुर्माने के साथ सजा भी दी जाय।

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