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भारत के पहले खगोल पर्यटन अभियान ‘‘नक्षत्र सभा’’ का उद्घाटन


उत्तराखण्ड में पर्यटन की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से में पर्यटन विभाग द्वारा एस्ट्रो टूरिज्म कंपनी के सहयोग से ‘नक्षत्र सभा‘ का जॉर्ज एवरेस्ट मसूरी में विधिवत उद्घाटन हो गया है।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

देहरादून 01 जून, 2024, उत्तराखण्ड में पर्यटन की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से में पर्यटन विभाग द्वारा एस्ट्रो टूरिज्म कंपनी के सहयोग से ‘नक्षत्र सभा‘ का जॉर्ज एवरेस्ट मसूरी में विधिवत उद्घाटन हो गया है। यह अपने आप में अलग क़िस्म का आयोजन है, देश में पहली बार एस्ट्रो टूरिज्म की थीम पर “नक्षत्र सभा” आयोजन किया गया है। यह आयोजन 2 जून तक चलेगा। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के अनुरूप प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के अलावा बहुआयामी पर्यटन गतिविधियों बढ़ावा देने के दृष्टिगत पर्यटन विभाग ने यह पहल की है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित “नक्षत्र सभा” के सफल आयोजन के लिए शुभकामना दी हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में बहुआयामी पर्यटन के दृष्टिगत सरकार अन्य संसाधन भी विकसित कर रही है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि सरकार ग्रीन टूरिज्म को बढ़ावा देने के दृष्टिगत विभिन्न प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के अलावा साहसिक पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म, एस्ट्रो टूरिज्म पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर एस्ट्रो विलेज स्थापित कर रही है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सरकार का प्रयास है प्रदेश में जो भी पर्यटक आते हैं वो एक बेहतर अनुभव ले के जायें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नए -नए पर्यटक स्थलों को विकसित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है। इस आयोजन का उद्घाटन समारोह जॉर्ज एवरेस्ट, मसूरी में आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के निदेशक डॉ. दीपांकर बनर्जी, डॉ0 प्रभास पांडे, प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय, श्री आकाश सिन्हा, सहायक प्रोफेसर , प्रैक्टिस, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, शिव नादर विश्वविद्यालय, डॉ0 टी0वी0 वेंकटेश्वरन, विज्ञान प्रसार, और स्टारस्केप्स के संस्थापक श्री रामाशीष रे की उपस्थिति में आयोजित किया गया था। आयोजन के लिए स्थान के रूप में जॉर्ज एवरेस्ट शिखर का चयन महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व रखता है। प्रसिद्ध ब्रिटिश सर्वेक्षक सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया यह शिखर भारत के त्रिकोणमितीय सर्वेक्षण का केंद्र था, जो देश के सटीक मानचित्रण के लिए महत्वपूर्ण था। हिमालय क्षेत्र के सर्वेक्षण में पं0 नैन सिंह रावत ने सर जॉर्ज एवरेस्ट के साथ बड़े पैमाने पर सहयोग किया। हाल ही में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने सर जॉर्ज एवरेस्ट स्टेट में देश के पहले कार्टाग्राफी संग्रहालय का भी उद्घाटन किया।

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