तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि वेदों में राम कथा का प्रमाण है। वेदों और रामायण में किसी तरह का कोई विभेद नहीं है।वेदों के अध्ययन से तीन भाष्य मिलते हैं। और इन तीन भाष्यों ने भी जितना न्याय वेदों से करना चाहिए था उतना नहीं किया है।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
हरिद्वार। तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि वेदों में राम कथा का प्रमाण है। वेदों और रामायण में किसी तरह का कोई विभेद नहीं है।वेदों के अध्ययन से तीन भाष्य मिलते हैं। और इन तीन भाष्यों ने भी जितना न्याय वेदों से करना चाहिए था उतना नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमारा दुर्भाग्य है कि वेदों का जिस तरह से अध्ययन किया जाना चाहिए था वैसा नहीं किया गया। क्योंकि लंबे समय तक हमारी संस्कृति और देश में आक्रमणकारियों के आक्रमण होते रहे। आचार्य श्री रामभद्राचार्य जी ने कहा कि पहले हमारी संस्कृति पर बौद्ध जैन और यवनों के आक्रमण हुए। उसके बाद मुगलों के आक्रमणों को हमने झेला। मुगलों के आक्रमण से हमें मुक्ति मिली तो हमने अंग्रेजों की गुलामी को झेला। आजादी के बाद कई वर्षों तक अधर्मी मानसिकता के लोगों का सामना किया। ऐसे में हमें वेदों के ठीक से अध्ययन का अवसर ही नहीं मिला। राम कथा को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि भगवान भक्ति को कैसे मिलेंगे। उसकी जिज्ञासा जब जगाई जाती है तो उसे कथा कहते हैं। जब वाल्मीकि को ज्ञान का बोध हुआ तो राम कथा ने साकार रूप लिया। और जब पार्वती ने शिव के सामने प्रश्नावली प्रस्तुत की तो राम कथा की सुंदर रचना हुई। आज योग गुरु स्वामी रामदेव ने तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज के श्री मुख से राम कथा का श्रवण किया। स्वामी रामदेव मंच पर आए तो स्वामी रामभद्राचार्य जी ने उन्हें गले लगा लिया और भावुक हो गए। उदय और उन्हें काफी देर तक दुलार किया। गुरु रामभद्राचार्यजी के स्नेह से भावुक हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि आचार्य श्री रामभद्राचार्य जी सनातन और ऋषि परंपरा के शिखर महापुरुष है। आचार्य श्री ज्ञान और भक्ति की पराकाष्ठा है और सनातन धर्म की बहुत बड़ी विरासत है। इस अवसर पर निर्मल पीठाधीश्वर श्री महंत ज्ञान देव सिंह महाराज ने कहा कि स्वामी रामभद्राचार्य ज्ञान गंगा है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री मदन कौशिक, महंत राघवेंद्र दास महाराज, महंत गोविंद दास महाराज, महंत अमनदीप महाराज, महंत तीरथ दास, महंत स्वतंत्र मुनि, महंत दुर्गादास, महंत विष्णु दास, महंत प्रमोद दास, महंत प्रहलाद दास, महंत प्रेमदास, मुख्य यजमान प्रशांत शर्मा, अचिन अग्रवाल, नितिन माना,नमित गोयल, सुनील अग्रवाल गुड्डू, अखिलेश शिवपुरी, भगवत शरण अग्रवाल, गगन गुप्ता,गौरव गुप्ता, चौधरी प्रतीक, दीपक बंसल, ईशान सिंघल आदि ने प्रतिभाग किया।