भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंकों में से एक बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने आज #SaluteHerShakti कॉन्टेस्ट के चौथे संस्करण के विजेताओं के नाम घोषित किए । प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इस कॉन्टेस्ट का आयोजन होता है।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
देहरादून-13, जून, 2024: भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंकों में से एक बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने आज #SaluteHerShakti कॉन्टेस्ट के चौथे संस्करण के विजेताओं के नाम घोषित किए । प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इस कॉन्टेस्ट का आयोजन होता है, जिसके ज़रिये हमारे बीच की उन आम महिलाओं को सम्मानित किया जाता है एवं उनकी कामयाबी का जश्न मनाया जाता है, जिन्होंने तमाम सामाजिक चुनौतियों के बावजूद अपने क्षेत्र की बाधाओं को दूर करते हुए सफलता हासिल की है। वे सहनशीलता, साहस के साथ मजबूत इरादों को बयां करती है जो कि हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। दिनांक 08.03.2024 से 20.03.2024 के दौरान जारी इस कॉन्टेस्ट की अवधि में बैंक को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कई प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। इन सभी में से वडोदरा में सर्विलिंक सिस्टम्स लिमिटेड की निदेशक, सुश्री मधु मोतियानी, नवी मुंबई में सनशाइन एजुकेशन सोसाइटी की प्रिंसिपल, सुश्री पारमिता मजूमदार तथा हेला ग्लोबल स्कूल, पुणे की एडूप्रेन्योर, सुश्री अनुष सलामपुरिया को विजेता घोषित किया गया। तीनों विजेताओं को भारतीय खेल जगत की हस्तियों और बैंक की एंडोर्सर, सुश्री पीवी सिंधु तथा सुश्री शेफाली वर्मा के साथ बातचीत करने का विशेष अवसर प्राप्त हुआ। बैंक ऑफ़ बड़ौदा के #SaluteHerShakti कॉन्टेस्ट का यह चौथा वर्ष है। बैंक, ने इस कॉन्टेस्ट के माध्यम से सभी पुरुषों व महिलाओं को आम जनजीवन से जुड़ी उन महिलाओं के सफलता की कहानियों को प्रस्तुत करके प्रतिभागिता करने हेतु प्रोत्साहित किया है, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के सफ़र, संघर्ष और उपलब्धियों के ज़रिये उन्हें प्रेरित किया है एवं उनके जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। इस अवसर पर बैंक ऑफ़ बड़ौदा के कार्यपालक निदेशक श्री लाल सिंह ने कहा कि, "बैंक ऑफ़ बड़ौदा का #SaluteHerShakti कॉन्टेस्ट एक ऐसा मंच है, जो अत्यंत ही साधारण महिलाओं की असाधारण कहानियों को साझा करने और उनसे सीखने का अवसर प्रदान करता है। यह कॉन्टेस्ट महिला सशक्तीकरण का समर्थन करने के साथ-साथ रूढ़िवादी परंपराओं को अस्वीकार करते हुए महिलाओं की उपलब्धियों को स्वीकार करती है एवं उनका सम्मान करती है। वास्तव में ये सभी महिलाएं सम्मान की हकदार हैं। वे कई अन्य लोगों को भी अपने सपनों, आशाओं एवं महत्वाकांक्षाओं को साकार करने की दिशा में साहसपूर्वक पहला कदम बढ़ाने की प्रेरणा देती हैं।