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अनुसंधान कार्य हमेशा समाजोपयोगी हाेंः प्रो. महावीर अग्रवाल


पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में तीन शोधार्थियों ने अपने पी-एच.डी. शोध कार्य पूर्ण कर डॉक्टरेट उपाधि की योग्यता प्राप्त की।

रिपोर्ट  - ऑल न्यूज़ ब्यूरो

हरिद्वार, 17 जून। पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में तीन शोधार्थियों ने अपने पी-एच.डी. शोध कार्य पूर्ण कर डॉक्टरेट उपाधि की योग्यता प्राप्त की। वि.वि. प्राच्य विद्या संकाय की अध्यक्षा प्रो- साध्वी देवप्रिया के निर्देशन में स्वामी बजरंगदेव ने ‘सांख्य-योग एवं बौद्ध दर्शन में तुलनात्मक अध्ययन’ विषय पर अपना शोध कार्य पूर्ण किया। इसमें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के प्रो. ब्रजभूषण ओझा बाह्य परीक्षक के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही, मनोविज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक कुमार भारद्वाज के निर्देशन में सुश्री नेहा ने ‘स्थूलकाय प्रतिभागियों में मानव देहमिति एवं मनोवैज्ञानिक मापनों पर परम्परागत वेलनेस चिकित्सा का प्रभाव’ तथा सुश्री प्रियांशी कौशिक ने ‘वृद्धावस्था में शारीरिक दशा संतुलन, नींद की गुणवत्ता एवं मनोवैज्ञानिक मापदण्डों पर योग अभ्यास की प्रभावशीलता’ विषय पर अपना शोध कार्य पूर्ण किया जिसमें विशेषज्ञ परीक्षक के रूप में एच.एन.बी. गढ़वाल केन्द्रीय वि.वि. की सह-आचार्या डॉ. अनुजा रावत एवं महाराजा अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय के सह-आचार्य डॉ. अरूण कुमार सिंह की उपस्थिति रही। विषय विशेषज्ञ एवं बाह्य परीक्षकों की उपस्थिति में शोधार्थियों की मुख्य मौखिकी परीक्षा सम्पन्न हुई जिसके उपरान्त परीक्षकों द्वारा शोधार्थियों को पी-एच.डी. उपाधि प्रदान किये जाने की संस्तुति प्रदान की गई।

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