अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा द्वितीय चरण में राजस्थान, पं बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में ज्योति कशल यात्रा निकाली जा रही है। गायत्री परिवार की संस्थापिका एवं नारी जागरण अभियान की प्रणेता माता भगवती देवी शर्मा एवं अखण्ड ज्योति के शताब्दी वर्ष के अंतर्गत पूरे देश में देवभूमि स्थित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज से सनातन संस्कृति व सद्ज्ञान की धारा लेकर बहाई जायेगी।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
हरिद्वार 9 सितंबर। अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा द्वितीय चरण में राजस्थान, पं बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में ज्योति कशल यात्रा निकाली जा रही है। गायत्री परिवार की संस्थापिका एवं नारी जागरण अभियान की प्रणेता माता भगवती देवी शर्मा एवं अखण्ड ज्योति के शताब्दी वर्ष के अंतर्गत पूरे देश में देवभूमि स्थित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज से सनातन संस्कृति व सद्ज्ञान की धारा लेकर बहाई जायेगी। शांतिकुंज में चल रहे ज्योति कलश यात्रा सम्मेलन के अंतिम दिन गायत्री परिवार की अधिष्ठात्री स्नेह सलिला श्रद्धेया शैलदीदी ने राजस्थान, पं बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, असम सहित नौ राज्यों के लिए नौ ज्योति कलश का विशिष्ट कर्मकाण्ड के साथ पूजन किया। इस अवसर पर श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि ज्योति कलश यात्रा एक अभूतपूर्व अवसर है। इस अभियान में ऋषिसत्ताओं, हमारे आराध्य युगऋषि पं श्रीराम शर्मा जी का सूक्ष्म संरक्षण हैं। यह यात्रा अपने उद्देश्यों को अवश्य पूरा करेगी। केवल हमें अपने दायित्वों का कुलशतापूर्वक निर्वहन करना है। सम्मेलन के अंतिम सत्र को संबोधित करते हुए शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरी ने कहा कि युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने कहा है कि शरीर परिवर्तन के बाद साकार से निराकार होने के अंतर्गत मैं अखण्ड दीपक में समा जाऊंगा, तब जिस किसी को कुछ कहना हो, तो वे अखण्ड दीपक के समक्ष अपनी भावनाएँ व्यक्त कर सकते हैं, उनको समाधान अवश्य मिलेगा। श्री गिरी ने कहा कि उनके महाप्रयाण वर्ष 1990 से पहले और अब तक जो परिजन साथ रहे हैं, उन सबके अनुभव इस बात की पुष्टि करता है। व्यवस्थापक श्री गिरी जी ने ज्योति कलश यात्रा की रूपरेखा एवं आवश्यक सावधानियों पर भी विस्तृत जानकारी दी। इससे पूर्व प्रतिभागियों को गायत्री विद्यापीठ की व्यवस्था मण्डल प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने नारी जागरण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी और कहा कि नारी शक्ति के बिना परिवार, समाज व राष्ट्र अधूरा है। इसलिए हम नारियों को सदैव भाइयों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलना है। वहीं युगऋषिद्वय की पावन समाधि स्थल प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा से ज्योति कलश जनजागरण रैली निकली। शांतिकुंज कार्यकर्त्ताओं के संग राजस्थान, पं बंगाल, असम, अरुणाचल सहित नौ राज्यों से आये सैकड़ों भाई-बहिनों ने पंक्तिबद्ध हो प्रेरणाप्रद नारे लगाते, जयघोष करते हुए शामिल हुए। रैली देवसंस्कृति विश्वविद्यालय स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव की परिक्रमा की व विशेष प्रार्थना के बाद शांतिकुंज लौट आयी। युगऋषिद्वय की पावन समाधि में ज्योति कलश यात्रा निमित्त अहिर्निश गुरु कार्य करने का अपना संकल्प दोहराया।