संघर्ष की तपिश सहकर ही जीवन कुंदन बनता है। खिलाड़ी इसका बेहतर उदाहरण है। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के मार्गदर्शन में कन्या गुरूकुल की महिला तीरंदाजी एवं ताइक्वांडो टीम का चयन दयानंद स्टेडियम प्रांगण के बहुउददेश्य हॉल में सम्पन्न हुआ।
रिपोर्ट - Rameshwar Gaur
संघर्ष की तपिश सहकर ही जीवन कुंदन बनता है। खिलाड़ी इसका बेहतर उदाहरण है। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के मार्गदर्शन में कन्या गुरूकुल की महिला तीरंदाजी एवं ताइक्वांडो टीम का चयन दयानंद स्टेडियम प्रांगण के बहुउददेश्य हॉल में सम्पन्न हुआ। महिला वर्ग की तीरंदाजी एवं ताइक्वांडो टीम के लिए गठित चयन समिति की चेयरपर्सन प्रो0 मंजूषा कौशिक ने चयन प्रक्रिया में भाग ले रही छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि खेलों में परिश्रम के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। खिलाड़ी को खेल के उचित एवं प्रमाणिक माध्यम का ही सदैव उपयोग करना चाहिए। प्रयास करने पर विलम्ब होना संभव है परन्तु विफल होना असम्भव है। प्रभारी, शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग डॉ0 अजय मलिक ने कहा कि शारीरिक श्रम का विकल्प खोजने के कारण कई बार खिलाड़ी डोपिंग का शिकार हो जाते है जिसका दुष्परिणाम जीवन भर भुगतना पड़ता है। जिससे बचाव जरूरी है। तीरंदाजी के चयन प्रक्रिया में अनिशा सेमवाल का चयन किया गया। यह प्रतियोगिता के0आई0आई0टी0, भुवनेश्वर, उड़ीसा में दिसम्बर माह के अंतिम सप्ताह में आयोजित होगी। जबकि ताइक्वांडो टीम की चयन प्रक्रिया के बाद राधिका चौहान (57-62 किग्रा भार), मानसी कश्यप (53-57 किग्रा भार), अनुष्का सिंह ( 46-49 किग्रा भार), अनुष्का नेगी (73 किग्रा भार) का चयन किया गया है। यह प्रतियोगिता गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर द्वारा आयोजित की जायेगी। चयन समिति में डॉ0 निशा शर्मा, डॉ0 रीना वर्मा तथा संयोजिका डॉ0 बिन्दु मलिक के निर्देशन में चयन प्रक्रिया सम्पन्न हुई।