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विश्वआत्महत्या रोकथाम दिवस” के अवसर पर आज कन्या गुरुकुल, हरिद्वार के मनोविज्ञान विभाग ने “द अडवेंट स्कूल”


“विश्वआत्महत्या रोकथाम दिवस” के अवसर पर आज कन्या गुरुकुल, हरिद्वार के मनोविज्ञान विभाग ने “द अडवेंट स्कूल” मे “मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता” विषय पर कार्यषाला का आयोजन किया।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

“विश्वआत्महत्या रोकथाम दिवस” के अवसर पर आज कन्या गुरुकुल, हरिद्वार के मनोविज्ञान विभाग ने “द अडवेंट स्कूल” मे “मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता” विषय पर कार्यषाला का आयोजन किया। कार्यषाला मे विद्यालय के कक्षा 7 व 8 के लगभग 60 छात्रों व अध्यापिकाओं ने प्रतिभाग किया। सर्वप्रथम विभाग की छात्राओं ने सोषल मीडिया के अत्यधिक प्रयोग से होने वाले दुष्प्राभव से छात्राओं को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से अवगत कराया। आजकल के लगभग सभी बच्चों में फोन पर ज्यादा समय बिताने की लत बढती जा रही है इससे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव पढ़ रहा है । नाटक मे कैसे स्मार्टफोन व्हाटसएप, फेसबुक, इंस्टाग्रम, स्नेपचैट जैसे सोषल मीडिया ऐप्स के अत्याधिक उपयोग से चिंता तनाव और अन्य मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्यायें बढ़ रही है के बारे में बताया। एक अन्य नुक्कड नाटक के माध्यम से छात्राओं को बताया गया कि, कैसे बच्चों को विविध प्रकार की अन्य गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित कर बच्चों के समग्र कल्याण में योगदान मिल सकता हैं और अलगाव व अकेलेपन की भावनाओं को रोकने में मदद मिल सकती है। इस कार्यषाला में “द अडवेंट स्कूल” के छात्रों और षिक्षकांे दोनों से काफी उत्साह जनक प्रतिक्रिया मिली। जो मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने मे एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करके कन्या गुरुकुल का मनोविज्ञान विभाग मानसिक स्वास्थ्य षिक्षा और आत्महत्या रोकथाम मे अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। विभाग की छात्राओं ने मुख्य परिसर, मनोविज्ञान विभाग मे भी नुक्कड़ नाटक, व्याख्यान कविताओं व पोस्टरों का प्रर्दषन किया। व्याख्यान मे रिचा अग्निहोत्री, दीक्षा जोषी व अनन्ता क्रमषः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रही। पोस्टर प्रतियोगिता मे प्रिया व केसर प्रथम चेतना द्धितीय व नेहा तृतीय स्थान पर रही। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो॰ राकेष कुमार और डॉ॰दीपक सिंह ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर अपने विचार साझा किये। कार्यक्रम का संयोजन डा॰ सुनीता रानी तथा डा॰ ऋचा सक्सेना द्वारा किया गया तथा संचालन में विभाग से दीपा साहू, हरिराम का विशेष सहयोग रहा।

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