स्वामी श्रद्धानन्द की तपस्थली कर्मभूमि गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय विभाग, हरिद्वार में महर्षि दयानन्द द्वारा हिन्दी के सम्मान में प्रदत्त सूत्र आर्य भाषा (हिन्दी) ही देश को एकता के सूत्र में बांध सकती है, आर्य भाषा में ही इस देश भारत का कल्याण छिपा है।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
स्वामी श्रद्धानन्द की तपस्थली कर्मभूमि गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय विभाग, हरिद्वार में महर्षि दयानन्द द्वारा हिन्दी के सम्मान में प्रदत्त सूत्र आर्य भाषा (हिन्दी) ही देश को एकता के सूत्र में बांध सकती है, आर्य भाषा में ही इस देश भारत का कल्याण छिपा है। हिन्दी भाषा के द्वारा समस्त भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है। जिस देश की शान मेरी मातृभाषा, हिन्दी है इस महान, विचार सरणी को समादृत कर हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्याधिष्ठाता डॉ॰ दीनानाथ शर्मा ने हिन्दी को राष्ट्र का गौरव बताते हुए कहा कि हमारी मातृभाषा हिन्दी सरलता, सरसता एवं निजता का अनुभव कराती है, तथा हिन्दी भाषा का प्रयोग एवं परस्पर व्यवहार हमें गौरव की अनुभूति कराता है। उन्होने इस अवसर पर कहा कि वर्ष भर विशुद्ध हिन्दी भाषा का प्रयोग करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया जायेगा। मुख्याध्यापक डॉ॰ विजेन्द्र शास्त्री ने कहा कि आजादी के बाद 15 वर्षों तक हिन्दी भाषा को अंग्रेजी भाषा के स्थान पर लागू न करना उस समय के राजनायिकों की बड़ी भूल थी, इन वर्षों में अंग्रेजी ने अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया, हिन्दी भाषा को संस्कृत भाषा के साथ समन्वित करते हुए अपने कार्यों एवं व्यवहार में हिन्दी का शु़द्ध आचरण करने पर बल दिया। इस अवसर पर डॉ॰ यागेश कुमार शास्त्री ने भी हिंदी भाषा के महत्व को वाचित किया। इस अवसर पर गुरुकुल विद्यालय के छात्रों ब्र॰ नकुल त्यागी, समीर राज, आरुष, अमित, यशवर्धन, सिद्धान्त, सार्थक, रुद्राक्ष, पीयूष, यशराज, परमवीर, नितिन, अनन्त, अवि तालिबान, श्रीयांशु , सारव कार्तिक, चैतन्य आदि ने भी भाषण, कविता एवं गीत प्रस्तुत कर हिन्दी का गौरव बढाया। इस अवसर पर हिन्दी सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कक्षाशः मे प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरस्कार, प्रमाणपत्र आदि प्रदान किये गये। प्रतियोगिता में बीच- बीच मे सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के प्रश्न भी पूछे गये, तथा सही उत्तर देने वाले छात्रों को पुरस्कार भी प्रदान किये गये।